नैतिक मूल्य सभ्य समाज की ताकत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नैतिक मूल्य और मानव लोकाचार सभ्य समाज की ताकत हैं। भारत का मूल्यों से जुड़ा एक लंबा इतिहास रहा है और ये भारतीय मूल्य वैश्विक मूल्यों से मेल खाते हैं। इसमें आत्मज्ञान की अहम भूमिका है। आज विश्व को गौतम बुद्ध के अत्त दीप भव (स्वयं प्रकाश बनो) के संदेश को आगे बढ़ाना चाहिए। "नागरिक संगठन और मानव मूल्यों के प्रसार' विषय पर आयोजित सी-20 परिषद के दूसरे चर्चा सत्र की अध्यक्षता कर रहे सेवा इंटरनेशनल के वैश्विक समन्वयक श्याम परांडे ने कार्यक्रम में अपने विचार रखे। इस सत्र में वक्ताओं में साहस डिसएबिलिटी रिसर्च एंड केयर फाउंडेशन की अध्यक्ष नसीमा हुर्जुक, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ कल्चरल स्टडीज की अध्यक्ष डॉ. शशि बाला, अर्श विद्या मंदिर के स्वामी परमात्मानंद और 100 मिलियन अभियान के वैश्विक निदेशक ओवेन जेम्स, भारतीय सामाजिक उत्तरदायित्व नेटवर्क (आईएसआरएन) के सीईओ संतोष गुप्ता, यूनाइटेड कान्शियसनैस ग्लोबल के संयोजक डॉ. विक्रांत तोमर, विवेकानंद सांस्कृतिक केन्द्र संस्थान के अध्यक्ष डॉ. जोराम बेगी (वीकेआईसी), गुवाहाटी और सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस के कार्यकारी अध्यक्ष दुर्गानंद झा उपस्थित थे।
हम रचयिता नहीं है
-स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि सब कुछ हमें अनुग्रह में मिला है और हम किसी भी चीज के रचयिता नहीं हैं, इसलिए हमें देने वाले का सम्मान करना चाहिए।
-संतोष गुप्ता ने कहा कि जब हम सेवा करते हैं तो हमारे मन में यह भावना आती है कि हमें किसी उद्देश्य के लिए कार्य करना चाहिए।
-ओवेन जेम्स ने दुनिया में व्याप्त असमानताओं के बारे में और विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका में असमान विकास पर प्रकाश डाला।
-विक्रांत तोमर ने कहा कि जी-20 की थीम वसुधैव कुटुम्बकम है, जिसका अर्थ है कि इस पृथ्वी पर हर कोई आवश्यक रूप से एक परिवार का हिस्सा है। हम एक समान इंसान हैं, किंतु हमारी चेतना का स्तर अलग-अलग है।
-नसीमा हुर्ज़ुक ने सेवा और सेवा भाव (सेवा की भावना) के बारे में अपने विचार रखे।
Created On :   22 March 2023 11:18 AM IST












