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अब ड्रोन से होगी जंगलों की निगरानी, वन विभाग ने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जल्दी वन विभाग अपने जंगलों की निगरानी ड्रोन से करने वाली है। इसके लिए नागपुर प्रादेशिक विभाग की ओर से ड्रोन की मांग भी की है। आने वाले समय में ड्रोन की सहायता से विभाग को मीलों फैले जंगल में आग व अवैध शिकार, पेड़ कटाई के मामलों पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है।
नागपुर विभाग अंतर्गत दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड, कोंढाली, काटोल, हिंगणा, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी और खापा वन परिक्षेत्र आता है। जहां इन दिनों बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ता व महुआ फूल खिले हैं। इसके अलावा लगातार बढ़ती धूप से यहां घास सूख गई है। कई बार मानव गलती तो कुछ बार प्राकृतिक कारणों से जंगल में आग लगने की घटना हो जाती है। जिसे समय रहते काबू करना बहुत जरूरी होता है। यदि ऐसा नहीं किया तो मामूली आग जंगल का विनाश का कारण बन सकता है। ऐसे में वन विभाग ने आग पर काबू पाने के लिए कई संभव प्रयास किये हैं। लेकिन मीलों फैले इस जंगल में मानव शक्ति कम पड़ रही है। जिससे आग की घटनाएं होती रहती है।
लगभग डेढ़ लाख हेक्टर में फैले इस वन विभाग की सीमा पेंच व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड करांडला, बोर, नवेगांव नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प, ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प से सटकर है। ऐसे में यहां वन्यजीवों का हमेशा से आना-जाना लगा रहता है। यहां तक बाघ भी ऐसे में प्रादेशिक एरिया में कितने बाघ है, कब आये,कब गये यह इंसानों द्वारा नजर रखना भी संभव नहीं है। ऐसे में कई बार मानव व वन्यजीवों के संघर्ष की स्थिति सामने आ जाती है। इन सभी समस्याओं पर विराम लगाने के लिए अब वन विभाग ने ड्रोन सहारा लेने की यौजना बनाई है। जल्दी इन जंगलों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी। जिससे उक्त कई समस्याओं से निजात मिल सकेगी
* हमारी ओर से ड्रोन की मांग की गई है जल्दी ड्रोन मिलने पर जंगल आग से लेकर कई घटनाओं में इ्सकी मदद ली जा सकेगी। --डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, उपवनसंरक्षक, नागपुर प्रादेशिक वन विभाग
Created On :   4 May 2020 4:36 PM IST