बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बना जिला पुलिस का संकल्प अभियान (खुशियों की दास्तां)!

Sankalp Abhiyan (Tales of Happiness) of District Police became the support of destitute elders!
बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बना जिला पुलिस का संकल्प अभियान (खुशियों की दास्तां)!
बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बना जिला पुलिस का संकल्प अभियान (खुशियों की दास्तां)!

डिजिटल डेस्क | उमरिया बेसहारा बुजुर्गों के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा चलाया गया संकल्प अभियान किसी वरदान से कम नही है। जिला पुलिस उमरिया पिछले एक साल से जिले के चिन्हित 250 जरूरतमंद बेसहारा बुजुर्गों के घर तक खाने पीने की चीजें और जरूरी दवाइयां पहुंचाने का काम कर रही है। पुलिस अधीक्षक विकास शाहवाल ने बताया कि दानदाताओं की मदद से न सिर्फ उसका विस्तार किया बल्कि बुजुर्गों के अलावा एनिमिक गर्भवती और धात्री माताओं को भी तत्काक्लिक रूप से इसमें शामिल कर उन्हें मदद पहुंचाई।

कोविड-19 के पहले लॉकडाउन के समय जिला पुलिस के संकल्प अभियान की शुरुआत हुई। जैसा कि हम जानते हैं पहला लॉकडाउन बहुत सख्त था। आवागमन, उद्योग, व्यापार , बाजार सब बन्द थे। जिला पुलिस ने ऐसे जरूरतमंद बुजुर्गों के घर जाकर उनसे दवा की पर्ची और पैसे लेकर दवा खरीद कर उन्हें पहुंचाने का काम करने का निर्णय लिया।

ऐसे चिन्हित बेसहारा बुजुर्गों के लिए खाने पीने की आवश्यक वस्तुएं और दवाइयां उन तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला पुलिस की ओर से की गई। पुलिस का संकल्प अभियान जो अनवरत जारी है। पहले इसमें संख्या कम थी , जो अब बढ़ते बढ़ते 250 तक पहुंच गई है।

Created On :   29 May 2021 8:15 AM GMT

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