- यूपी में आज से खुलेंगे प्राथमिक स्कूल, कोरोना गाइडलाइन का किया जाएगा पालन
- संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का दावा, म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई में 18 लोगों की मौत
- तमिलनाडु में कोरोना का कहर जारी, 31 मार्च तक के लिए बढ़ाया गया लॉकडाउन
- टीकाकरण का दूसरा चरण: सोमवार की सुबह नौ बजे से कोविन 2.0 पर शुरू होंगे पंजीकरण
- करदाताओं को बड़ी राहत, 31 मार्च तक बढ़ी वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने की समयसीमा
कोरोनावायरस: सीएम शिवराज ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, इंदौर में फंसे बंगाल के प्रवासी मजदूरों को लेकर की ये अपील

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में लागू लॉकडाउन के कारण हजारों लोग अपने घरों से दूर अन्य राज्यों व शहरों में फंस गए हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव प्रवासी मजदूरों को हो रहा है। उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की परेशानी हो रही है। ऐसे में सरकार उन्हें अपने घर पहुंचाने में लगी हुई है। इस बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। उन्होंने इंदौर में रहने वाले बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को लेकर अनुरोध किया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में लिखा है कि इंदौर में पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों के निवासी प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में कार्य करते हैं। लॉकडाउन के दौरान ये प्रवासी श्रमिक पश्चिम बंगाल वापस जाना चाहते हैं, लेकिन लंबी दूरी होने और परिवहन के लिए शासकीय साधन नहीं होने से वह निजी वाहनों से यात्रा कर रहे हैं। जो महंगा होने के साथ एक असुविधाजनक और असुरक्षित भी है।
उन्होंने लिखा कि रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को उनके गृहराज्य तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। राज्यों से प्राप्त अनुरोध के आधार पर मजदूरों के लिए ट्रेनें नियमित रूप से चल रही है। मप्र सरकार अबतक कुल 85 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लगभग एक लाख सात हजार प्रवासी मजदूरों को अन्य प्रदेशों से सकुशल मध्यप्रदेश वापस लाया जा चुका है। यह काम निरंतर चल रहा है।
MP CM Shivraj Singh Chouhan writes to West Bengal CM Mamata Banerjee requesting her to inform Ministry of Railways about the requirement of a Shramik special Indore-Kolkata train for the migrant workers living in Indore, who want to return to their native place in West Bengal. pic.twitter.com/Egu6Lryl0r
— ANI (@ANI) May 18, 2020
सीएम शिवराज ने आगे लिखा कि पश्चिम बंगाल के मजदूर इंदौर से अपने घर जाना चाहते हैं। उनकी सुविधा के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय को आपके राज्य की ओर से इंदौर व कोलकाता के मध्य एक विशेष ट्रेन चलाए जाने की जरूरत से अवगत कराए जाने का अनुरोध है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।