ये हैं राष्ट्र निर्माता... स्कूल समय से हटकर भी पढ़ाते हैं बच्चों को, स्वयं के व्यय पर स्कूल को कर रहे अपडेट ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय स्कूल भूला और हर्रई के बारगी स्कूल बने आदर्श

ये हैं राष्ट्र निर्माता... स्कूल समय से हटकर भी पढ़ाते हैं बच्चों को, स्वयं के व्यय पर स्कूल को कर रहे अपडेट ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय स्कूल भूला और हर्रई के बारगी स्कूल बने आदर्श
मध्य प्रदेश ये हैं राष्ट्र निर्माता... स्कूल समय से हटकर भी पढ़ाते हैं बच्चों को, स्वयं के व्यय पर स्कूल को कर रहे अपडेट ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय स्कूल भूला और हर्रई के बारगी स्कूल बने आदर्श

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। सुबह दस से शाम साढ़े चार बजे तक स्कूल जाना है और तय समय में बच्चों को पढ़ाकर अपनी नौकरी पूरी करना है, ऐसा कुछ सामान्य तौर पर शिक्षक करते है। लेकिन शिक्षा विभाग में पदस्थ कुछ शिक्षक इन सभी से हटकर राष्ट्र निर्माता की भूमिका अदा कर रहे है। स्कूल के निर्धारित समय से अतिरिक्त समय निकालकर बच्चों को पढ़ा रहे है। स्वयं के व्यय पर स्कूल को अपडेट करते हुए नवाचार के जरिए बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रहे है। छिंदवाड़ा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला भूला और हर्रई विकासखंड का शासकीय प्राथमिक शाला बारगी इन दिनों आदर्श शाला के रूप में पहचान बनाए हुए है।
बच्चों का स्कूल में लगा रहे मन तो खुद पेंटिंग और नवाचार कर देते हैं उपहार जनपद शिक्षा केन्द्र छिंदवाड़ा के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला भूला का स्कूल अब आदर्श शाला में गिना जाता है। इस स्कूल में पदस्थ शिक्षक नितिन ठाकुर की मेहनत रंग लाई है जिन्होंने स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने से लेकर बच्चों का मन स्कूल में बनाए रखने के लिए खुद ही पेंटिंग और नवाचार किए है। नतीजतन शासकीय प्राथमिक शाला होने के बावजूद इसे विभाग ने आदर्श शाला माना है। दरअसल कुछ साल पहले पेंच परियोजना में माचागोरा डेम बनने के कारण पूरा गांव डूब क्षेत्र में चला गया था।

इसके बाद नई जगह पर बसाए गए इस गांव में नए तरीके से स्कूल शुरू होने के बाद बच्चों की संख्या कम हो गई हाल यह थे कि स्कूल में आना कम हो गया था। ऐसी स्थिति में शिक्षक नितिन ठाकुर की मेहनत रंग लाई है। वर्तमान में इस स्कूल में दर्ज संख्या लगभग दो से ढाई गुना हो गई है। शिक्षक के कामों को पसंद करके पूर्व डीईओ अरविंद चौरगड़े ने जिले के शेष स्कूलों में भ्रमण कर इस प्रकार कार्य करने के लिए कहा था।

शिक्षक ने यह किया, जिससे बना आदर्श स्कूल शिक्षक ने स्वयं शाला की दीवारों में पेंटिंग कर दीवारों को सुंदर एवं आकर्षक तथा शिक्षाप्रद चित्रों से चित्रित कर दिया। इसके अलावा तरह-तरह के सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण शिक्षक द्वारा किया गया, जिससे कि बच्चों को आसानी से समझाया जा सके। इनका कहना है, शासकीय प्राथमिक शाला भूला के शिक्षक नितिन ठाकुर स्कूल समय के अतिरिक्त अभिभावकों से मिलकर विद्यार्थियों को नियमित शाला आने के लिए कहते है। साथ ही नए-नए नवाचार के कारण इस स्कूल में लगातार दर्ज संख्या बढ़ी है।

खुद के व्यय से खरीदी स्मार्ट टीवी से करा रहे पढ़ाई

छिंदवाड़ात्न हर्रई विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला सियाझिरी जनशिक्षा केन्द्र के बारगी शाला में पदस्थ शिक्षकों ने शासकीय योजनाओं का इंतजार किए बगैर अपनी शाला को स्मार्ट क्लास में तब्दील कर दिया है। यहां के शिक्षक लीलाराम रत्ने, गेंदलाल बट्टी ने स्वयं क व्यय पर एक स्मार्ट टीवी खरीदी है जिसके जरिए विद्यार्थियों की पढ़ाई होती है। स्कूल में बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले साथ ही सुविधा से मिले इसके लिए पूर्ण समर्पण के साथ शिक्षक काम कर रहे है।

इतना ही नहीं शिक्षक लीलाराम रत्ने हर दिन सुबह नौ बजे बजे पहुंचकर अतिरिक्त कक्षाएं लगाते है तांकि विद्यार्थियों को पढ़ाई में आसानी हो। यहां गौर करने वाली बात है कि विभाग की ओर से ऐसे कोई आदेश नहीं है। इतना ही नहीं शाम को भी बच्चों को अतिरिक्त समय देकर नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है। इनका कहना है, विकासखंड की बारगी शासकीय स्कूल में शिक्षक अतिरिक्त समय देकर बच्चों को पढ़ाते है। इसके अलावा स्वयं के व्यय पर स्मार्ट टीव्ही लाए और कक्षा को स्मार्ट क्लास बना लिया है।
 

Created On :   6 Feb 2023 4:05 PM GMT

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