इस साल रहेगी एक ही सोमवती अमावस्या, साल की पहली अमावस्या 13 जनवरी को-जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष

This year there will be only one Somavati Amavasya, the first Amavasya of the year on January 13
इस साल रहेगी एक ही सोमवती अमावस्या, साल की पहली अमावस्या 13 जनवरी को-जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष
इस साल रहेगी एक ही सोमवती अमावस्या, साल की पहली अमावस्या 13 जनवरी को-जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष

 डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस बार सोमवती अमावस्या पर्व साल में एक ही बार आ रहा है जो 12 अप्रैल को रहेगा। इस पर्व पर किए गए तीर्थ स्नान और दान का अक्षय फल मिलता है। यह योग तब बनता है जब सोमवार को अमावस्या हो। पं. मिश्र का कहना है कि एक साल में 12 अमावस्या होती हैं। धर्म ग्रंथों में इसे पर्व कहा गया है। इस दिन तीर्थ स्नान के बाद दान और फिर पितरों की विशेष पूजा करने की परंपरा है। जब तिथियों की घट-बढ़ होती है तब यह पर्व कभी-कभी दो दिन तक भी रहता है। इसलिए जब दोपहर में अमावस्या हो उस दिन पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण किया जाता है, वहीं जब सूर्योदय के समय हो, तो स्नान और दान किया जाता है। सौम्य वार में पड़ने वाली अमावस्या शुभ होती है। वहीं क्रूर वार के साथ अशुभ फल देने वाली होती है।

ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है कि सोम, मंगल, शुक्र और गुरुवार को अमावस्या हो, तो इसका शुभ फल मिलता है जबकि बुध, शनि और रविवार को अमावस्या अशुभ फल देती है। अमावस्या और पितरों का संबंध सूर्य की हजारों किरणों में जो सबसे खास है उसका नाम अमा है। उस अमा नाम की किरण के तेज से ही सूर्य धरती को रोशन करता है। जब उस अमा किरण में चंद्रमा वास करना है यानी चंद्रमा के होने से अमावस्या हुई। तब उस किरण के जरिये चंद्रमा के उपरी हिस्से से पितर धरती पर आते हैं। इसीलिए श्राद्धपक्ष की अमावस्या तिथि का महत्व है। क्या करें क्या न करें पं. मिश्र बताते हैं कि अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर तीर्थ स्नान करने की परंपरा है। ये न हो पाए तो घर में ही गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। इसके बाद संकल्प लें और भगवान की पूजा कर के जरूरतमंद लोगों को खाने की चीजें और कपड़ों का दान दें। अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते हैं और यह दिन पितरों को समर्पित होता है। इसलिए इस पर्व को पूर्वजों का दिन भी कहा जाता है। इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध-तर्पण भी किया जाना चाहिए।

अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने से यह सीधा पितरों तक पहुंचता है। अगर ऐसा किया जाए तो इससे पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस पर्व पर किसी जरूरतमंद या बेसहारा लोगों को खाना खिलाएं और दान दें। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। अमावस्या का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन मांस-मदिरा और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल न करें। ऐसा करने से पितृदोष लगता है। बाक्स) सन 2021 में आने वाली अमावस्या तिथियां अंग्रेजी तारीख और महीना हिंदी महीने की अमावस्या 13 जनवरी, बुधवार पौष अमावस्या 11 फरवरी, गुरुवार माघ मौनी अमावस्या 13 मार्च, शनिवार फाल्गुनी अमावस्या 12 अप्रैल, सोमवार चैत्र सोमवती अमावस्या 11 मई, मंगलवार वैशाख अमावस्या 10 जून, गुरुवार ज्येष्ठ अमावस्या 10 जुलाई शनिवार शनिश्चरी अमावस्या 8 अगस्त, रविवार श्रावण अमावस्या 07 सितंबर, मंगलवार भाद्रपद अमावस्या 06 अक्टूबर, बुधवार श्राद्ध पक्ष, सर्वपितृ अमावस्या 04 नवंबर, गुरुवार कार्तिक अमावस्या, दिवाली 04 दिसंबर, शनिवार मार्गशीर्ष अमावस्या

Created On :   8 Jan 2021 11:26 AM IST

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