अटलजी की कविता के बहाने फडणवीस पर उद्धव सेना का हमला

Uddhav Senas attack on Fadnavis on the pretext of Atals poem
अटलजी की कविता के बहाने फडणवीस पर उद्धव सेना का हमला
ली चुटकी अटलजी की कविता के बहाने फडणवीस पर उद्धव सेना का हमला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में सत्ता परिवर्तन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलने के लिए शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सुप्रसिद्ध कविता का सहारा लिया है। पार्टी के मुखपत्र में ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में अटल की कविता की पंक्तियों का इस्तेमाल कर फडणवीस पर शब्द बाण छोड़े गए हैं।   संपादकीय में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री बनने वाले मुख्यमंत्री बन गए और मुख्यमंत्री बनने की सोचने वाले को उपमुख्यमंत्री बनना पड़ा। पार्टी के आदेश के नाम पर उन्होंने इसे स्वीकार भी कर लिया। बचाव के लिए ‘पार्टी के प्रति निष्ठा’ शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब तर्क दिया जा रहा है कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाते हुए मुख्यमंत्री की बजाय उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया। भाजपा के स्वर्गीय नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी एक कविता में कहा था कि ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।’ लेकिन इन पक्तियों के पहले इसी कविता में वाजपेयी ने कहा है कि ‘हिमालय की चोटी पर पहुंच एवरेस्ट विजय की पताका फहरा, कोई विजेता यदि ईषर्या से दग्ध, अपने साथी से विश्वासघात करे तो उसका क्या अपराध, इस लिए क्षम्य हो जाएगा कि वह एवरेस्ट की उंचाई पर हुआ थाॽ, नहीं अपराध, अपराध ही रहेगा। हिमालय की सारी धवलता उस कालिमा को नहीं ढक सकती।’ पार्टी ने कहा कि अटल जी कि विचारधारा देश की राजनीति से कब की अस्त हो गई है। लोकतंत्र का वस्त्रहरण करके महाराष्ट्र में कराए गए इस राजनीतिक ड्रामे के और कितने भाग सामने आएंगे, इसे अभी देखना होगा।   
            
 

Created On :   2 July 2022 7:32 PM IST

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