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मप्र: कोई ब्राह्मण होगा नेता प्रतिपक्ष, आरक्षित वर्ग से बनेगा उपनेता
- केंद्र से संकेत मिलने के बाद शिवराज हटे पीछे
- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज रेस से बाहर
- भाजपा संसदीय दल ने तय किया नाम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र में नेता प्रतिपक्ष के लिए भाजपा संसदीय दल ने नाम लगभग तय कर लिया है। माना जा रहा है कि किसी ब्राह्मण को नेता प्रतिपक्ष की कमान मिलेगी। दिल्ली से लौटे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपने आवास पर पत्रकारों से साफ कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष नहीं बन रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेतृत्व ने चौहान को इस संबंध में संकेत दे दिए थे और उन्हें इस दौड़ से दूर रहने के लिए कह दिया था, इसके बाद उन्होंने यह घोषणा की।
पूर्व मुख्यमंत्री चौहान बुधवार और गुरुवार को दिल्ली में ही थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने साफ कर दिया कि वे नेता प्रतिपक्ष नहीं बन रहे हैं। पार्टी संसदीय दल अपनी बैठक में मप्र को लेकर लगभग निर्णय ले चुका है। इस पद के लिए विंध्य से राजेंद्र शुक्ल, बुंदेलखंड से गोपाल भार्गव और चंबल से नरोत्तम मिश्रा का नाम है। चौहान की शुक्ल से ज्यादा निकटता है।
पार्टी मप्र में सत्ता से दूर होने के पीछे सवर्ण वर्ग की नाराजगी को मुख्य वजह मान रही है। ऐसे में ही किसी ब्राह्मण को यह पद दिया जा रहा है। किसी आरक्षित वर्ग के व्यक्ति को उपनेता बनाया जा सकता है। हालांकि पार्टी ने अभी इसके लिए कोई नाम तय नहीं किया है। यदि विंध्य से नेता प्रतिपक्ष आता है तो उपनेता चंबल या मध्य भारत से लिया जाएगा। ऐसा ही बुंदेलखंड से नेता चुनने की स्थिति में भी होगा। यदि चंबल से नरोत्तम मिश्रा का नाम आता है तो उपनेता मध्य भारत, महाकौशल या बुंदेलखंड से हो सकता है। पार्टी उपनेता के लिए किसी दलित य आदिवासी नेता के नाम पर विचार कर रही है।
भाजपा की राजनीति में भार्गव और मिश्रा, चौहान विरोधी गुट के माने जाते हैं। नेता प्रतिपक्ष का नाम घोषित होने के बाद प्रदेश भाजपा की राजनीति की दिशा भी तय होगी। भाजपा नेतृत्व ने नेता प्रतिपक्ष चयन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को नियुक्त किया है। छह जनवरी को विधायक दल की बैठक में इस नाम की घोषणा होगी।
Created On :   4 Jan 2019 10:38 AM GMT