जाफराबाद हिंसा : हाईकोर्ट की फटकार पर गुनहगारों की धरपकड़ शुरू

Zafarabad violence: Raid of gangsters on raid on high courts rebuke starts
जाफराबाद हिंसा : हाईकोर्ट की फटकार पर गुनहगारों की धरपकड़ शुरू
जाफराबाद हिंसा : हाईकोर्ट की फटकार पर गुनहगारों की धरपकड़ शुरू
हाईलाइट
  • जाफराबाद हिंसा : हाईकोर्ट की फटकार पर गुनहगारों की धरपकड़ को छापे शुरू

नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार लगने के बाद दिल्ली पुलिस की चाल अगले ही दिन गुरुवार को बदल गई और उसने अचानक कई विशेष टीमों का गठन कर दिया। इन टीमों ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापामारी शुरू कर दी है।

विशेष टीमों में सिविल पुलिस की टीमों (थाने-चौकी की पुलिस टीमें), स्पेशल सेल और अपराध शाखा के अफसरों और जवानों को भी शामिल किया गया है। इसकी पुष्टि दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी ने की है।

दिल्ली पुलिस के एडिश्नल पुलिस कमिश्नर स्तर के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, यूं तो हिंसा में शामिल तमाम वांछितों की तलाश में टीमें अलग-अलग संभावित स्थानों पर छापे मार रही हैं, मगर सबसे पहले हम एक निगम पार्षद की तलाश कर रहे हैं, जो सुर्खियों में आने के बाद से गायब है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तैनात एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ने कहा , हमारा काफी स्टाफ उस गुरु तेग बहादुर अस्पताल में व्यस्त है, जहां कई घायल भर्ती हैं। घायलों में से कई की मौत हो चुकी है। कुछ घायलों को मध्य दिल्ली जिले में स्थित लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में दाखिल कराया गया है। दोनों अस्पतालो में पुलिस स्टाफ उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले का ही व्यस्त है। दोनों अस्पतालों से आ रहीं खबरों से पता चल रहा है कि अब तक करीब 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शवों का पोस्टमॉर्टम कराने की जिम्मेदारी भी पुलिस की है।

विशेष आयुक्त और एक डीसीपी स्तर के अधिकारी के मुताबिक, मंगलवार की रात और बुधवार को दिन के वक्त इलाके की हालत में काफी सुधार आया है। तनावपूर्ण शांति है। कोई अप्रिय घटना भी नहीं घटी है। लिहाजा, मौका मिलते ही गुरुवार को कई टीमों को हिंसा के जिम्मेदार और फरार वांछितों की तलाश में अलग-अलग जगहों पर रवाना कर दिया गया है।

संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने कहा, फिलहाल हम हिंसा के दौरान एक निहत्थे जवान के सीने पर पिस्तौल तानने वाले और हवा में कई राउंड गोलियां दागकर आतंक मचाने वाले शाहरुख खान की तलाश में जुटे हैं। शाहरुख के कई संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी जारी है। मगर वो हाथ नहीं लग रहा है। साथ ही, मंगलवार को हिंसा में मारे गए आईबी के सुरक्षा सहायक अंकित शर्मा के हत्यारों की तलाश में भी हम जुटे हैं। अभी तक जो 250 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं, उनमें से कई को बेकसूर पाकर घर भेज दिया गया है। 100 से ज्यादा लोग अभी भी हिरासत में हैं। इनसे उपद्रवियों के बारे में काफी कुछ जानकारियां हाथ लगी हैं।

हिंसाग्रस्त भजनपुरा और जाफराबाद में मंगलवार को तैनात रहे डीसीपी स्तर के एक अधिकारी के मुताबिक, पुलिस की टीमें आईबी स्टाफ अंकित शर्मा की हत्या में संदिग्ध एक निगम पार्षद की भी तलाश में है, ताकि उससे पूछताछ करके हकीकत मालूम की जा सके।

अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार शर्मा ने भी आईएएनएस के सामने कथित रूप से फरार पार्षद का नाम बेटे के कातिल के रूप में लिया था।

बुधवार दोपहर बाद और फिर गुरुवार सुबह करीब नौ से 11 बजे के बीच हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंची आईएएनएस की टीम को पीड़ितों ने दबी जुबान से जो कुछ बताया, उसके मुताबिक, दिल्ली पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति बनाए रखने में व्यस्त होने का बहाना भले ही करे, लेकिन हकीकत यह है कि उसकी चाल में तेजी दिल्ली हाईकोर्ट के चाबुक से ही आई है। वरना दिल्ली पुलिस की ढुलमुल रणनीति के चलते ही गुरुवार दोपहर तक हिंसा में 34 लोगों के मारे जाने की पुष्टि न होती और सब शांत व सही-सलामत रहा होता।

 

Created On :   27 Feb 2020 11:00 AM GMT

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