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माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म: एलन मस्क ट्विटर पर बने नॉटियस मैक्सिमस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ट्विटर पर नॉटियस मैक्सिमस बन गए, साथ ही उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म खरीदने के लिए 44 अरब डॉलर की बोली को लेकर चल रही लड़ाई के बीच अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दी। मस्क के अपडेटेड ट्विटर बायो में अब लिखा है, सेंचुरियन इन जेरूसलम गैरीसन और उनकी डिस्प्ले इमेज उनके बचपन की है।
नॉटियस मैक्सिमस को किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया गया है जो हिंसक या असामाजिक व्यवहार प्रदर्शित करता है, खासकर एक बच्चे के रूप में। यह नॉटी टू द मैक्सिमम शब्द का अंग्रेजी पर्याय है, जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति, जो विशेष रूप से एक बच्चे की तरह बहुत ज्यादा बुरी हरकत करता है।
1971 में दक्षिण अफ्रीका में जन्मे मस्क के पास ब्रिटिश और पेंसिल्वेनिया डच वंश है। उनकी मां माये मस्क हैं, जो एक मॉडल और आहार विशेषज्ञ हैं, जो कनाडा में पैदा हुईं और दक्षिण अफ्रीका में पली-बढ़ी। उनके पिता एरोल मस्क एक दक्षिण अफ्रीकी इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंजीनियर और पायलट हैं। एलन मस्क का एक छोटा भाई किम्बल और एक छोटी बहन तोस्का है।
नाम परिवर्तन तब आया जब ट्विटर के शेयरधारकों ने टेस्ला के सीईओ की 44 अरब डॉलर की अधिग्रहण बोली को मंजूरी देने के लिए मतदान किया। ट्विटर ने कथित तौर पर डील एग्रीमेंट का उल्लंघन करने के लिए एलन मस्क पर मुकदमा दायर किया है। कानूनी लड़ाई अक्टूबर के मध्य में शुरू होने की उम्मीद है।
सोर्सः आईएएनएस
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आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।