भारतीय ग्राहकों को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहीं फर्जी ईवी वेबसाइटें

Fake EV websites defrauding Indian customers of crores of rupees: Report
भारतीय ग्राहकों को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहीं फर्जी ईवी वेबसाइटें
रिपोर्ट भारतीय ग्राहकों को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहीं फर्जी ईवी वेबसाइटें

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के वितरकों और ग्राहकों को लक्ष्य करके व्यापक पैमाने पर गूगल ऐड के जरिये फिशिंग कैम्पेन चलाया जा रहा है और लोगों को इससे अब तक चार से आठ करोड़ रुपये का चूना लग चुका है। सिक्योरिटी फर्म क्लाउडसेक ने बुधवार को बताया कि उसने एक ऐसे कैम्पेन का पर्दाफाश किया है, जिसमें गूगल ऐड का इस्तेमाल करके ग्राहकों से फर्जी वेबसाइट पर इलेक्ट्रिक वाहन की बुकिंग और डाउन पेमेंट के रूप में दो से चार लाख रुपये लिए जाते हैं।

कंपनी के मुताबिक इस हेराफेरी में लिप्त लोग गूगल ऐड के जरिये संभावित ग्राहकों को फिशिंग साइट यानी फर्जी वेबसाइट पर ले जाते हैं।धोखाधड़ी करने वाले असली कंपनी के नाम से मिलताजुलता डोमेन नेम पंजीकृत कराते हैं और फिर उसके लिए गूगल ऐड देते हैं। ये लोग एसईओ यानी सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन को भी चकमा देते हैं, यानी इंटरनेट पर कंपनी के बारे में सर्च करने पर फर्जी वेबसाइट को असली वेबसाइट के मुकाबले ज्यादा तरजीह दी जाती है।

एसईओ को चकमा देने से इन फर्जी वेबसाइटों का गूगल ऐड सर्च में ऊपर दिखता है। ग्राहक जब इन ऐड पर क्लिक करता है तो यह उन्हें फिशिंग डोमेन पर ले जाता है। फर्जी वेसाइट पूरी तरह से असली वेबसाइट की नकल होती है। उस पर असली वेबसाइट की तस्वीरें और सामग्री दिखाई देती है।

कंपनी के मुताबिक, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के बाद से इस तरह की धोखाधड़ी बढ़ गई है। सरकार ने सितंबर 2021 में इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन इंधन वाले वाहनों को पीआईएल योजना के दायरे में लाने की घोषणा की थी। ये फर्जी वेबसाइटें ग्राहकों को आर्थिक हानि तो देती ही हैं, साथ ही ग्राहक उन पर अपनी निजी जानकारियां और बैंकिंग डिटेल भी साझा कर देते हैं, जिससे आइडेंटिटी की चोरी का खतरा बढ़ जाता है।

ईवी कंपनियों के कारोबार को इन फर्जी वेबसाइटों से सीधा नुकसान हो रहा है और साथ ही उनकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता भी दांव पर लग जाती है।

आईएएनएस

Created On :   2 March 2022 12:30 PM GMT

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