डेटा सुरक्षा के मामले में 89 फीसदी कंपनियां अब भी पीछे

Report says 89% of companies still behind in terms of data security
डेटा सुरक्षा के मामले में 89 फीसदी कंपनियां अब भी पीछे
रिपोर्ट डेटा सुरक्षा के मामले में 89 फीसदी कंपनियां अब भी पीछे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वैश्विक स्तर पर लगभग 89 फीसदी संगठन पर्याप्त रूप से डेटा की सुरक्षा नहीं कर रहे हैं और 88 फीसदी आईटी नेताओं को उम्मीद है कि डेटा सुरक्षा बजट व्यापक आईटी खर्च की तुलना में उच्च दर से बढ़ेगा, क्योंकि डेटा व्यवसाय की सफलता के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। मंगलवार को सामने आई नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

वीम सॉफ्टवेयर की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 67 प्रतिशत व्यवसाय अपने डेटा की सुरक्षा के लिए क्लाउड-आधारित समाधानों की ओर रुख कर रहे हैं, जबकि रैंसमवेयर हमलों से डेटा पुनप्र्राप्त करने की क्षमता व्यवसाय निरंतरता रणनीतियों को आगे बढ़ा रही है।

वीम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद ईश्वरन ने कहा, पिछले दो वर्षों में डेटा वृद्धि दोगुनी से अधिक हो गई है, इसमें कोई छोटा हिस्सा नहीं है कि हमने दूरस्थ कार्य और क्लाउड-आधारित सेवाओं को कैसे अपनाया है।

जैसा कि डेटा वॉल्यूम में विस्फोट हुआ है, इसलिए डेटा सुरक्षा से जुड़े जोखिम भी हैं, रैंसमवेयर एक प्रमुख उदाहरण है। इस शोध से पता चलता है कि अक्सर सुरक्षा यूजर्स की जरूरत को पूरा करने में कम होने के कारण संगठन इन चुनौतियों को पहचानते हैं और भारी निवेश कर रहे हैं।

रिपोर्ट ने अगले 12 महीनों और उससे आगे के लिए अपनी डेटा सुरक्षा रणनीतियों को समझने के लिए 3,000 से अधिक आईटी निर्णय निर्माताओं और वैश्विक उद्यमों का सर्वेक्षण किया।

लगातार दूसरे वर्ष, साइबर हमले डाउनटाइम का सबसे बड़ा कारण रहे हैं, 76 प्रतिशत संगठनों ने पिछले 12 महीनों में कम से कम एक रैंसमवेयर घटना की सूचना दी है।

प्रति हमले, संगठन अपने खोए हुए डेटा का 36 प्रतिशत पुनप्र्राप्त करने में असमर्थ थे, यह साबित करते हुए कि डेटा सुरक्षा रणनीतियां वर्तमान में व्यवसायों को रैंसमवेयर हमलों को रोकने, उपचार करने और पुनप्र्राप्त करने में मदद करने में विफल हो रही हैं।

वीम के सीटीओ डैनी एलन ने कहा, चूंकि साइबर हमले तेजी से परिष्कृत होते जा रहे हैं और इसे रोकना और भी कठिन होता जा रहा है, इसलिए बैकअप और रिकवरी समाधान किसी भी संगठन की आधुनिक डेटा सुरक्षा रणनीति की आवश्यक नींव हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   22 Feb 2022 2:00 PM GMT

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