2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बना है ये फोर्ट, शाम ढलने से पहले नहीं लौटे तो...
डिजिटल डेस्क, माथेरान। भारत में एक से बढ़कर एक किले हैं। आमतौर पर राजा-महाराजा किलों का निर्माण अपने गढ़ या राज्य की सुरक्षा के लिए सैनिक छावनी के रूप में करते थे। ये ऊंचाई पर बनाए जाते थे और इनकी बनावट में भी चारों ओर से घिरी हुई होती थी। महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित प्रबलगढ़ किला भी ऐसा ही कुछ बनावट के लिए जाना जाता है। यह 2300 फीट ऊंची खड़ी पहाड़ी पर बना है और इसे भारत के खतरनाक किलों में से एक माना जाता है।
खड़ी पहाड़ी पर
शाम होते ही यहां मीलों दूर तक सन्नाटा फैल जाता है। यहां आने वाले भी शाम ढलने से पहले ही वापस लौट जाते हैं। यहां पहुंचना भी बेहद कठिन है और खड़ी पहाड़ी पर होने की वजह से चढ़ना भी।
समीप ही बनी है एक खाई
चट्टानों को काटकर इस किले की सीढ़ियों का निर्माण किया गया है, लेकिन इन पर चढ़ना भी आसान नही है क्योंकि यहां पकड़ने के लिए ना ही कोई रस्सी है और ना ही कोई रेलिंग। समीप ही एक खाई बनी है। यदि चढ़ते वक्त थोड़ी भी चूक हुई तो सीधे खाई का रास्ता नजर आता है। ये किला जितना अद्भुत है इसकी बनावट देखकर स्पष्ट है कि यहां दुश्मनाें से बचने के लिए कितने इंतजाम किए गए थे। अगर यहां पहुंचने के लिए दुश्मन प्रयास भी करता होगा ताे रास्ते में ही उसे मार दिया जाता होगा।
इस किले का नाम भी बदला
इस किले का नाम भी बदला गया। पहले इसे मुरंजन किला कहा जाता था। इसका नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में बदला गया। शिवाजी ने प्रिय रानी कलावंती के नाम पर इस किले का नामकरण किया गया था। मुंबई शहर का कुछ इलाका भी इस किले से देखा जा सकता है। वहीं कलावंती दुर्ग के किले से चंदेरी, माथेरान, करनाल किले भी नजर आते हैं।
Created On :   23 Nov 2017 2:19 AM GMT