अब हेलमेट न पहनना पड़ेगा और भी महंगा
अब हेलमेट न पहनना पड़ेगा और भी महंगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है की टू-व्हीलर राइडर्स को उनके बीमा के पैसे तभी मिलेंगे जब वो ISI प्रमाणित हेलमेट पहनें। जस्टिस एल. नारायणस्वामी ने ये आदेश जारी किए हैं। दरअसल एक बीमा कंपनी ने एक टू-व्हीलर राइडर को बीमा के पैसे नहीं देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस फैसले के इंडिया में रोड सेफ्टी के लिए दूरगामी परिणाम हो सकते हैं क्योंकि ऐसे टू-व्हीलर राइडर जो ISI प्रमाणित हेलमेट न पहने हों उन्हें बीमा कंपनियां बीमा के पैसे देने से इंकार कर सकती हैं। इंडिया में बिना ISI के प्रमाण वाला हेलमेट पहनना गैरकानूनी है।
हाईकोर्ट ने अपने आर्डर में कर्नाटक मोटर व्हीकल एक्ट 230 को मानने को कहा है। उसमें कहा गया है कि हेलमेट केे ऊपर ISI नंबर (IS 4151:1993) लिखा हुआ होना चाहिए।इसके साथ ही हेलमेट पर निर्माता का नाम, निर्माण का साल और साइज आसानी से पढ़े जा सकने वाले शब्दों में लिखा होना चाहिए। ये पहली बार है जब कोर्ट ने हेलमेट की क्वालिटी के ऊपर कोई कदम उठाया है। उम्मीद है देश भर की कानूनी एजेंसियां जल्द ही इस नियम को सख्ती से लागू करना शुरू कर देंगी।
आपको पता ही होगा कि बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने वालों को पुलिस रोक कर जुर्माना कर सकती है। दरअसल ऐसे मुहीम कर्नाटक में बैंगलोर और मैसूर जैसे के बड़े शहर में शुरू भी हो चुके हैं। गैर ISI प्रमाणित हेलमेट पहनने वाले टू-व्हीलर राइडर्स को फाइन करने के अलावा पुलिस अधिकारी ये हेलमेट जब्त भी कर रहे हैं। इसके साथ ही पुलिस बिना ISI के प्रमाण वाले हेलमेट बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है।
बिना ISI प्रमाण वाले हेलमेट पहनना जोखिमों से भरा होता है। हो सकता है ये हेलमेट क्रैश के दौरान टक्कर के आघात को सह ना पाए, और इसलिए एक्सीडेंट के दौरान राइडर का सर बचाने में ये किसी काम की नहीं रह जातीं। हो सकता है क्रैश के दौरान गैर ISI हेलमेट के बकल भी धोखा दे जाएँ। इन्ही सब बातों के चलते ISI प्रमाणित हेलमेट पहनना जरूरी होता है।