रॉकेट नहीं कार है ये, स्पीड जानकर रह जाएंगे हैरान, 85 साल की उम्र कर दिखाया कारनामा
रॉकेट नहीं कार है ये, स्पीड जानकर रह जाएंगे हैरान, 85 साल की उम्र कर दिखाया कारनामा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेज़ रफ़्तार कार का रोमांच कुछ अलग ही होता है। और यदि स्पीडोमीटर का कांटा अगर 1600 किमी/घंटा तक पहुंचे तो... इंग्लैंड में रॉकेट से भी तेज चलने वाली कार की टेस्टिंग हुई है । इस ब्लडहाउंड सुपरसोनिक कार का पहला पब्लिक टेस्ट इंग्लैंड में किया गया। ब्लडहाउंड नाम की इस कार में रॉयल रॉस Ej 200 जेट फाइटर इंजन लगा है।
दुनिया की सबसे तेज़ रफ़्तार कार ब्लडहाउंड सुपरसोनिक की रफ़्तार 1600 किमी/घंटा रहने का अनुमान है। ब्रिटिश इंजीनियरों की टीम इस कार को जल्दी ही सड़क पर उतारने के लिए तैयार है।
अक़्सर तेज़ रफ़्तार कारों का ज़िक्र होने पर कोई जवां चेहरा ही हमारी आंखों के सामने उतरता है। लेकिन अगर हम बताएं कि दुनिया की सबसे तेज़ रफ़्तार कार बनाने के पीछे जिस शख़्स का दिमाग है उसकी उम्र 85 साल है, तो शायद कुछ पल के लिए आप भी गच्छा खा जाएंगे ।
"फाइटर प्लेन ने बढ़ाई रफ़्तार में दिलचस्पी"
रॉन एयैर्स रॉकेट वैज्ञानिक हैं, उन्होंने ब्लडहाउंड सुपरसोनिक कार का डिज़ाइन तैयार किया है। इसे तैयार करने में रॉन को 3 साल लगे । रॉन कहते हैं, कि उन्हें सीमाएं तोड़ना पसंद है, उनकी उम्र के किसी शख़्स को आमतौर पर ऐसा मौका नहीं मिलता। रॉन को बचपन से ही एयरोडायनमिक्स (वायुगति विज्ञान) और इंजीनियरिंग की तरफ दिलचस्पी थी।
अनियंत्रित न हो जाए कार
आजकल रॉन ब्लडहाउंड कार में यह सुनिश्चित करने का काम देख रहे हैं कि वह इतनी रफ़्तार भी न पकड़ ले कि नियंत्रण से बाहर हो जाए। इतनी रिकॉर्ड रफ़्तार के साथ ज़मीन पर कार चलाने में उसके अनियंत्रित होने का डर बना रहता है। साल 1996 में एक अमरीकी ड्राइवर क्रैग ब्रीडलव ने जब 670 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से कार चलाई तो वे कार पर नियंत्रण खो बैठे थे।
रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी
इसी ख़तरे को कम करने के लिए रॉन ने ब्लडहाउंड के डिज़ाइन पर ख़ासी मेहनत की है। उन्होंने कार का ढांचा इस तरह तैयार किया है कि वह रिकॉर्ड रफ़्तार तक तो पहुंचे लेकिन सुरक्षित भी बनी रहे। रॉन बताते हैं कि जब साल 1950 के दौरान जब वो एक ट्रेनी थे, उस वक्त 1600 किमी प्रतिघंटे की रफ़्तार से हवाई जहाज़ भी नहीं उड़ते थे ।
ब्लडहाउंड कार फ़िलहाल न्यूके एयरपोर्ट पर है, जहां उसके कम गति वाले ट्रायल चल रहे हैं। कार को बनाने वाली टीम 2019 तक रफ़्तार का नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुटी है।
अभी सर्वाधिक स्पीड का रिकॉर्ड 1228 किमी. प्रति घंटा है जबकि ब्लडहाउंड के दो चरणों में 1247 किमी प्रति घंटा और 1609 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार पकड़ने की उम्मीद की जा रही है।