भेल ने विदेशी कंपनियों से करार के खोले द्वार

भेल ने विदेशी कंपनियों से करार के खोले द्वार

IANS News
Update: 2020-05-05 13:00 GMT
भेल ने विदेशी कंपनियों से करार के खोले द्वार

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। केंद्र के स्वामित्व वाली भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) अपने गैर-प्रमुख विनिर्माण व्यवसाय की चार से पांच इकाइयां बेच सकती है।

भेल चालू वित्तवर्ष के दौरान सरकार की परिसंपत्ति मुद्रीकरण प्रक्रिया के तहत इन इकाइयों को बेच सकती है।

सरकार ने पिछले वर्षों के बजट से अपनी योजना के तहत बिजली उपकरण निर्माण इकाई में इक्विटी को 26 प्रतिशत तक करने की योजना बनाई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कंपनी की कुल 16 विनिर्माण इकाइयों में से कुछ इकाइयां, जिनका अपने मुख्य व्यवसाय के साथ तालमेल नहीं है (जैसे परिवहन और पानी) उन्हें बेचा जा सकता है।

इसके साथ ही वैकल्पिक रूप से कुछ कारखानों को भी भारत में विनिर्माण अवसरों की तलाश में विदेशी कंपनियों के लिए पेश किया जाएगा, लेकिन उपक्रमों के लिए उपयुक्त भूमि खोजने में मुश्किल हो रही है।

इस संबंध में (विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी) भेल ने अपनी निर्माण सुविधाओं का उपयोग करने की इच्छुक विदेशी कंपनियों को एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के लिए आमंत्रित किया है।

सूत्रों ने जानकारी दी है कि कंपनी विनिर्माण के क्षेत्रों में भागीदारी की तलाश में है। जहां भेल साझेदारी की तलाश में है, उनमें इलेक्ट्रिकल और ट्रांसपोर्टेशन उपकरण, सोलर मॉड्यूल, सिलिकॉन चिप्स, लिथियम आयन सेल और एलसीडी पैनल शामिल हैं।

ब्रोकरेज एमके ने पीएसयू पर अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यह साझेदारी विदेशी कंपनी और बीएचईएल (भेल) दोनों के लिए एक जीत की तरह हो सकती है और इससे दोनों को ही फायदा पहुंचने की संभावना है। रिपोर्ट में इसे एक महत्वपूर्ण विविधीकरण कदम बताया गया है।

महारत्न कंपनी के व्यवसायों में बिजली, ट्रांसमिशन, परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, जल, रक्षा और एयरोस्पेस, औद्योगिक उत्पाद एवं सिस्टम और ऊर्जा भंडारण शामिल हैं।

इसके साथ ही भेल ट्रांसपोर्ट व्यवसाय, लोकोमोटिव, मेट्रो कोच, इलेक्ट्रिक रोलिंग स्टॉक, शहरी परिवहन प्रणाली के लिए इलेक्ट्रिक्स और रेलवे ट्रैक विद्युतीकरण आदि क्षेत्रों में भी कार्य करती है।

भेल केंद्रीय भारी उद्योग विभाग के अधीनस्थ काम करती है। यह सार्वजनिक उपक्रम में एक महारत्न कंपनी है। भेल की देशभर में 16 यूनिट, 34 हजार कर्मचारी व नौ हजार इंजीनियर हैं।

बिजली की मांग धीमी होने के साथ, भेल कोरोनावायरस से उभरने वाले अवसरों का भी उपयोग करना चाह रही है।

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