महामारी पर अलग रवैये से अलग स्थिति होगी

महामारी पर अलग रवैये से अलग स्थिति होगी

IANS News
Update: 2020-09-19 13:01 GMT
महामारी पर अलग रवैये से अलग स्थिति होगी
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  • महामारी पर अलग रवैये से अलग स्थिति होगी

बीजिंग, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। कोविड-19 महामारी अब भी दुनिया भर में फैल रही है। 18 सितंबर तक चीन की मुख्य भूमि में पुष्ट और मौत के मामलों की संख्या क्रमश: 85,269 और 4,634 रही, जबकि अमेरिका में पुष्ट मामलों की संख्या 65.7 लाख से अधिक हो चुकी है और मौत के मामलों की संख्या 1.95 लाख से ज्यादा रही। आंकड़ों को देखा जाए, तो अमेरिका में पुष्ट और मौत के मामलों की संख्या क्रमश: चीन से 77 और करीब 43 गुना अधिक है।

अचानक फैली महामारी की रोकथाम में चीन ने सबसे व्यापक, सबसे सख्त और सबसे संपूर्ण कदम उठाये। 1.4 अरब चीनी लोगों ने एकजुट होकर महामारी के खिलाफ बहुत संघर्ष किया और भारी कीमत चुकायी। चीन सरकार हमेशा सतर्कता बरतती है और नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए अल्पकालिक आर्थिक विकास का त्याग करना चाहती है। सभी चीनी लोगों के प्रयास से चीन ने महामारी पर काबू पा लिया है। चीन में सामाजिक व्यवस्था भी तेजी से बहाल हो रही है।

लेकिन अमेरिका सरकार महामारी की रोकथाम के कदम उठाने और नागरिकों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट लेने में हिचकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू में कोरोना वायरस की घातकता स्वीकार की, लेकिन उन्होंने भय से बचाने के लिए इसका खतरा कम किया। हालांकि चीन सरकार ने दुनिया को चेतावनी दी, लेकिन अमेरिका सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए पूरी तरह से तैयारी नहीं की।

अर्थव्यवस्था की ²ष्टि से देखा जाये, इस साल की पहली तिमाही में चीन की जीडीपी पिछले साल की इसी अवधि से 6.8 प्रतिशत कम हुई। लेकिन समय पर महामारी के फैलाव को रोकने की वजह से चीन में आर्थिक पुनरुत्थान तेजी से हो रहा है। इसके चलते दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी पिछले साल की इसी अवधि से 3.2 प्रतिशत बढ़ी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि चीन एकमात्र मुख्य आर्थिक शक्ति होगा, जिसकी सकारात्मक आर्थिक वृद्धि होगी।

इसकी तुलना में अमेरिका सरकार का ध्यान नागरिकों की जान के बजाय अर्थव्यवस्था पर केंद्रित है। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा था कि सरकार नागरिकों को प्राथमिकता देने वाला कदम नहीं उठाएगी, पर आर्थिक वृद्धि बनाए रखेगी। लेकिन अमेरिका में महामारी की स्थिति पूरी तरह अनियंत्रित है, तो अर्थव्यवस्था पर प्रभाव भी खतरनाक होगा। इस साल की दूसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी पिछले साल की इसी अवधि से 9.5 प्रतिशत कम हुई और अभी भी सुधार होने का संकेत नहीं दिख रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि इस साल अमेरिका की अर्थव्यवस्था में करीब 6.6 प्रतिशत की कमी होगी।

इसके बावजूद अमेरिका सरकार फिर भी चीन पर कालिख पोतने और लांछन लगाने में व्यस्त है। तथ्य यह है कि चीन ने कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है, जबकि अमेरिका बिलकुल विफल रहा है। अमेरिका में इतने ज्यादा लोग कोरोना वायरस से मारे गये, यह वाशिंगटन ने बनाया, न कि चीन ने।

(साभार--चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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