कोरोना से समाचार पत्र उद्योग को हो सकता है 15,000 करोड़ रुपए का और नुकसान, सरकार दे राहत: INS

कोरोना से समाचार पत्र उद्योग को हो सकता है 15,000 करोड़ रुपए का और नुकसान, सरकार दे राहत: INS

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-02 07:34 GMT
कोरोना से समाचार पत्र उद्योग को हो सकता है 15,000 करोड़ रुपए का और नुकसान, सरकार दे राहत: INS

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। "इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी" ने सरकार से अपील की है कि वह 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान झेल चुके समाचार पत्र उद्योग को राहत पैकेज मुहैया कराए। उसने आशंका जताई कि राहत मुहैया नहीं कराए जाने पर इस उद्योग को आगामी छह से सात महीनों में 15,000 करोड़ रुपए का और नुकसान हो सकता है। 

आईएनएस ने सूचना एवं प्रसारण सचिव को लिखे एक पत्र में कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण अखबारों को न तो विज्ञापनों से और न ही इनके वितरण से कोई आय हो रही है। इस वैश्विक महामारी के कारण भारत में समाचार पत्र उद्योग सबसे अधिक प्रभावित हुए उद्योगों में से एक है। आईएनएस के अध्यक्ष शैलेश गुप्ता के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में कहा गया है, "समाचार पत्र उद्योग को पिछले दो महीने में पहले ही 4,000 से 4,500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। आर्थिक गतिविधियां पहले ही लगभग बंद हैं और निजी क्षेत्र से कोई विज्ञापन मिलने की उम्मीद नहीं है। यदि सरकार जल्द से जल्द राहत पैकेज नहीं देती है तो आगामी छह से सात महीनों तक इसी दर से नुकसान होने की आशंका है। (इसका अर्थ यह हुआ कि आगामी छह से सात महीनों में 12,000 से 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान और हो सकता है।)" 

आईएनएस ने सरकार से अखबार कागज पर लगने वाला पांच प्रतिशत सीमा शुल्क ही हटाने की अपील की है। 800 से अधिक समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले आईएनएस ने कहा कि समाचार पत्र उद्योग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े 30 लाख कर्मी इस नुकसान के कारण पहले ही गंभीर नतीजे भुगत चुके है। 20 अप्रैल को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है, "पिछले कुछ सप्ताह में भारी नुकसान होने और नकदी का प्रवाह रुक जाने के कारण समाचार पत्र संस्थानों के लिए कर्मियों को वेतन देना और विक्रेताओं को भुगतान करना मुश्किल हो गया है।" पत्र में बीओसी (विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय) के साथ-साथ विभिन्न राज्यों की सरकारों से विज्ञापन के सभी बकाया बिलों के तत्काल भुगतान का आग्रह किया गया है।


 

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