उत्सव: राम नवमी पर कई विशेष और दुलर्भ संयोग, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पर्व

  • जय श्रीराम के नारे से झूम उठे भक्त
  • भगवान विष्णु ने अपना सातवां अवतार राम के रूप में लिया था
  • राम नवमी पर कई विशेष और दुलर्भ संयोग

Tejinder Singh
Update: 2024-04-17 12:32 GMT

डिजिटल डेस्क, बीड़, सुनील चौरे। माजलगांव, गेवराई, परली, अंबाजोगाई, केज, धारूर, वडवणी, आष्टी, पाटोदा, शिरूर‌ कासार सहित बुधवार के दिन राम नवमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पर्व के आठ दिन पहले ही विभिन्न गांवों परिसर में मंदिरों को सजाया गया। शोभायात्रा निकाली गई।

रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया गया। इसके चलते भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान कर श्रीराम भगवान मंदिर महा अभिषेक करने पहुंचे। भगवान के दर्शन के लिए भक्तों की सुबह से ही भीड़ दिखाई दी। विधि विधान के साथ भगवान की पूजा-अर्चना के बाद आराधना की गई। दोहपर के समय जुलूस निकाला गया, इसमें हजारों भक्तों ने भाग लिया। भक्तों को महाप्रसाद और भोजन दिया गया।


भगवान विष्णु ने अपना सातवां अवतार श्री राम के रूप में लिया था

राम नवमी का पर्व भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने अपना सातवां अवतार के राम रूप में लिया।राम ने हमेशा धर्म का साथ दिया। राम ने राजा दशरथ और रानी कौशल्या के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में जन्म लिया था।

जय श्रीराम के नारे से झूम उठे भक्त

भक्त बाइक लेकर एक जगह पर इकट्ठा हुए। राम नाम के भगवा झंडे लगाकर रैली निकाली गई।

हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल 17 अप्रैल, 2024 को पड़ रही है। इस दिन ही चैत्र नवरात्रि का समापन हो रहा है। इस साल राम नवमी पर कई विशेष और दुलर्भ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह संयोग राम के जन्म के समय बने थे

पुलिस का कड़ बंदोबस्त

श्रीराम नवमी पर्व को देखते हुए पुलिस बदोबस्त तैनात किया गया था।

रक्तदान शिविर संपन्न

शासकीय अस्पताल में जरूरतमंद मरीज को खून की कमी महसूस ना हो, इसलिए मंदिर परिसर में भक्तों ने रक्तदान शिविर आयोजन किया। युवाओं ने रक्तदान शिविर का लाभ लिया।


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