ये कोई किचन नहीं बल्कि स्कूल है, जानिए क्या है सच्चाई ?

ये कोई किचन नहीं बल्कि स्कूल है, जानिए क्या है सच्चाई ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-21 09:23 GMT
ये कोई किचन नहीं बल्कि स्कूल है, जानिए क्या है सच्चाई ?

डिजिटल डेस्क,उमरिया। ये कोई धर्मशाला का किचन नहीं बल्कि एक स्कूल है। जहां एक तरफ खाना बनाया जाता है तो दूसरी तरफ बच्चे बैठकर पढ़ाई करते हैं। ये नजारा है बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका के सगराटोला इलाके का। यहां भवनों की कमी के चलते प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में कक्षाएं जोखिम के बीच लग रही हैं। ऐसा पिछले 4 सालों से चल आ रहा है,लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

गौरतलब है कि यहां बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। इसे लेकर संस्था प्रभारी बीआरसी से लेकर डीपीसी तक मौखिक व लिखित सूचना दे चुके हैं। बावजूद इसके आला अधिकारी हादसे का इंतजार कर रहे हैं। नगर पालिका के वॉर्ड क्रमांक 5 में स्थित विद्यालय परिसर में आज भी बाउंड्रीवाल का अभाव है। प्राथमिक स्तर की कक्षाओं में 68 बच्चे तथा माध्यमिक में 65 बच्चे हैं। पढ़ाने के लिए दोनों में दो-दो नियमित शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गर्मी व ठण्ड के सीजन में रसोईया बाहर किसी कोने में चूल्हा जलाकर खाना पका लेते हैं। बारिश में कीट पतंगों के खतरों से बचने हर साल कक्षा के अंदर खाना बनता है।

हैरत की बात तो यह है कि यह समस्या एकाद महीने से नहीं बल्कि 3-4 सालों से हैं। दोनों स्कूल परिसर में शौचालय भवन भी बनकर तैयार है, लेकिन पानी के अभाव में छात्र उसका उपयोग नहीं कर पा रहे। जलापूर्ति के लिए एक हैंडपंप लगाया गया है। चंद माह के बाद जल स्तर पाताल पहुंच गया। पेयजल के लिए शिक्षक व छात्र घर से पानी लेकर आते हैं। इस संबंध में पाली डीएसी ओपी गौतम का कहना था कि यह मामला आपके माध्यम से संज्ञान में आया है। जल्द ही शीर्ष अधिकारियों से बात कर सुधार कराया जाएगा।

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