सरकार पर 10 हजार का अर्थदंड, TI के वेतन से होगी वसूली, डायटम रिपोर्ट पेश नहीं करने का मामला
सरकार पर 10 हजार का अर्थदंड, TI के वेतन से होगी वसूली, डायटम रिपोर्ट पेश नहीं करने का मामला
डिजिटल डेस्क, सतना। जिला न्यायालय के तृतीय अपर सत्र जस्टिस राकेश मोहन प्रधान की अदालत ने हत्या के एक मामले में पुलिस द्वारा डायटम रिपोर्ट नहीं पेश किए जाने को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड अधिरोपित करते हुए परिव्यय की ये राशि रामपुरबघेलान के थाना प्रभारी राजेन्द्र मिश्रा के वेतन से वसूल करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने पुलिस अधीक्षक संतोष गौर को भी आदेशित किया है कि वे थाना प्रभारी के विरुद्ध अभियोग प्रस्तुत करें।
क्या है मामला
मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अरुण सेन ने बताया कि शासन बनाम हीरालाल केवट के मामले में आरोपी हीरालाल के विरुद्ध रामपुरबघेलान थाने में आईपीसी के सेक्शन 306 और 302 के तहत अपराध दर्ज है। ये प्रकरण अदालत में वर्ष 2012 से प्रचलित है,मगर पुलिस द्वारा अदालत में डायटम रिपोर्ट नहीं पेश किए जाने के कारण केस की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
कोर्ट लिख चुकी है 4 पत्र
तृतीय अपर सत्र न्यायालय 4 जनवरी 2019 से पहले डायटम रिपोर्ट पेश करने के लिए पुलिस को 3 पत्र लिख चुकी है। अदालत ने इसी रिपोर्ट के लिए 4 जनवरी को एक मर्तबा फिर से पत्र लिख कर रामपुरबघेलान के थाना प्रभारी को डायटम रिपोर्ट पेश करने को कहा, मगर जवाब में थानेदार ने लिखित तौर पर ये कहा कि जिस रसीद नंबर से जांच लिए रिपोर्ट भेजी गई थी, वो रसीद थाने में नहीं मिल रही है। खोजबीन की जा रही है। रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय दिया जाए। प्रकरण की सुनवाई के दौरान सेामवार को अदालत ने माना कि थाना प्रभारी द्वारा जानबूझकर साक्ष्य को छिपाया जा रहा है।
इससे पहले सिटी कोतवाल भी हो चुके हैं दंडित
उल्लेखनीय है, इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उमेश पटेल की अदालत भी सम्मन वारंट की तामीली नहीं करने पर सिटी कोतवाली के इंचार्ज विद्याधर पांडेय को 10 हजार के अर्थदंड से दंडित कर चुकी है। अदालत में वर्ष 2006 से राजा बेलदार के खिलाफ विचाराधीन प्रकरण में सम्मन वारंट की तामीली नहीं करने और मेला ड्यूटी की आड़ में एसपी के आदेश की भी अवज्ञा करने पर सिटी कोतवाल के खिलाफ कोर्ट ने अर्थदंड की व्यवस्था दी थी।