आदिवासियों ने छोड़ा गांव, 245 लोगों की मौत के बाद मेलघाट जंगल लौटे 

आदिवासियों ने छोड़ा गांव, 245 लोगों की मौत के बाद मेलघाट जंगल लौटे 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-10 11:01 GMT
आदिवासियों ने छोड़ा गांव, 245 लोगों की मौत के बाद मेलघाट जंगल लौटे 

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आकोला के मेलघाट इलाके में आने वाले 6 गांव के तकरीबन 4 हजार आदिवासियों ने शनिवार को जंगल में प्रवेश किया। इस दौरान उनके साथ पूर्व विधायक राजकुमार पटेल भी मौजूद थे। पटेल ने पुनर्वसित गांव में 245 लोगों की मौत का ठीकरा प्रशासन के सिर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि असुविधाओं के चलते ही अबतक इतने लोगों की जान चले गई। मौके पर आदिवासियों की भारी भीड़ देखते हुए आकोला पुलिस और आकोट वन्यजीव विभाग के कर्मियों को डटे रहना मुश्किल हो गया था। जहां धारणी के उपविभागीय अधिकारी विशाल मेहुल भी पहुंचे थे।

जंगल क्यों लौटे आदिवासी ?
मेलघाट के पुनर्वसित गांव में मौत का तांडव शुरु होने से आदिवासियों ने जंगल की तरफ लौटने का फैसला लिया था। इसे लेकर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प आकोट वन्यजीव विभाग के उपवनसंरक्षक ने अवैध प्रवेश को लेकर अपराध दर्ज करने की चेतावनी भी दी। जिसके तहत शनिवार 9 सितंबर को हजारों पुनर्वसित गांववासियों ने पूर्व विधायक पटेल के नेतृत्व में जंगल में प्रवेश किया। सबसे पहले धारणी क्षेत्र से मेलघाट के खटकाली के लिए रवाना होने पर रास्ते में ही पटेल को सुरक्षा व्यवस्था के तहत रोकने का प्रयास किया गया, जो असफल रहा। इसके वाद आकोट वन्यजीव विभाग के साथ ही पुलिस ने भी जंगल में पहुंचकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी।

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