3 माह में छापे गए थे 5 लाख के नकली नोट, जांच में जुटी पुलिस

3 माह में छापे गए थे 5 लाख के नकली नोट, जांच में जुटी पुलिस

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-14 12:48 GMT
3 माह में छापे गए थे 5 लाख के नकली नोट, जांच में जुटी पुलिस


डिजिटल डेस्क सतना। सिटी कोतवाली अंतर्गत राजेन्द्रनगर के एक घर से नकली नोटों की छपाई के दौरान रंगे हाथ 2 साथियों के साथ पकड़ में आए मास्टर माइंड आशीष श्रीवास्तव ने पुलिस रिमांड के दौरान कई अहम राज उगले हैं। पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने बताया कि 3 माह के दौरान 5 लाख रुपए मूल्य के नकली नोट छापे गए थे। उन्होंने बताया कि इस तथ्य की तहकीकात शुरु की गई है कि आखिर इनमें से कितने जाली नोट विभिन्न बैंकों के एटीएम में रिफिल कराए गए।
 एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी आशीष के मुताबिक नकली नोटों को सीधे एटीएम में खपाने के लिए उसने अरुणोदय सिंह नामक एक ऐसे शख्स से संपर्क साध रखे थे जो एटीएम में कैश रिफिलिंग की एक आउट सोर्स कंपनी में काम करता था। पुलिस इस तथ्य की भी पड़ताल कर रही है कि फरार होने में कामयाब अरुणोदय यहां आखिर ऐसी किस कंपनी के लिए काम करता था। अरुणोदय के अलावा इस वारदात के एक अन्य फरार आरोपी दीपक ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पार्टियों ने काम शुरु कर दिया है।
अर्से से सक्रिय था अरुणोदय -
इसी बीच पुलिस सूत्रों का मानना है कि नकली नोटों की छपाई के मामले में फिलहाल पुलिस पकड़ से बाहर अरुणोदय का मुख्य पेशा निजी बैंकों और बाजार से कटे-फटे नोटों को उठा कर एटीएम में रिफिल करना था,अपनी इसी करतूत के कारण वह आशीष श्रीवास्तव के संपर्क में आया और कम जोखिम में ज्यादा मुनाफे के लिए उसने प्रथम दृष्टया असली दिखने वाले नकली नोटों को खपाने का काम शुरु कर दिया। इसी बीच नाम छिपाने की शर्त पर एक बैंक अधिकारी ने बताया कि एटीएम मेंटीनेंस और उसमें कैश रिफिलिंग के लिए निजी कंपनी को आउट सोर्सिंग के जरिए हायर करने का काम वरिष्ठ दफ्तर करते हैं। कैश का बीमा होता है। बैंक हमेशा एटीएम में रिफिलिंग के लिए नई करेंसी देते हैं। ये प्रक्रिया बैंक स्तर पर तीन चरण में होती है। इसके बाद बैंकों की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है।
एसटीएफ की 3 सदस्यीय टीम भी पहुंची-
भारतीय मुद्रा के साथ जालसाजी का मामला होने के कारण मामले की जांच जबलपुर से शनिवार को यहां पहुंची एसटीएफ की एक तीन सदस्यीय टीम ने भी शुरु कर दी है।  इसी बीच खबर है कि नकली नोटों की छपाई का मास्टर माइंड आशीष श्रीवास्तव पुराना शातिर है। जालसाजी उसकी फितरत है। इससे पहले इसने माफिन और वेबविजन जैसी नेटवर्किंग कंपनियों से जुड़कर आर्थिक धोखाधड़ी के कारण पहले भी जेल जा चुका है। उल्लेखनीय है, 12 जून को मुखबिर की खबर पर रेड कार्यवाई करते हुए सिटी कोतवाली की पुलिस ने आशीष श्रीवास्तव को उसके राजेन्द्र नगर गली नंबर-9 स्थित घर से नकली नोट छापते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके साथ 2 अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए थे,इनमें से एक  रजनीश यादव उर्फ लाला  ऐरा-बेला (रामपुर बघेलान) जहां आशीष के साथ पुलिस रिमांड पर है, वहीं एक अन्य विनोद यादव पुरानी बस्ती खैरा (रीवा) सेंट्रल जेल में है।

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