साल 2024 तक देश में 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था नामुमकिन- आनंद शर्मा

साल 2024 तक देश में 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था नामुमकिन- आनंद शर्मा

Tejinder Singh
Update: 2019-10-18 14:10 GMT
साल 2024 तक देश में 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था नामुमकिन- आनंद शर्मा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि देश में साल 2024 तक 5 ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए देश की जीडीपी 10 से 12 प्रतिशत होनी चाहिए। फिलहाल जीडीपी गिर कर 5 प्रतिशत पर पहुंच गई है अभी संभव है कि इसमें और गिरावट आए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ख्यालों की दुनिया में हैं। शुक्रवार को मुंबई कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में शर्मा ने कहा कि 10 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार को जीएसटी और एक्सपोर्टर्स का रिफंड देना बाकी है। इसके अलावा पीएसयू के लाखों करोड़ रुपए के बिल बकाया है। इससे केंद्र सरकार का वित्तिय घाटा 3.3 प्रतिशत नहीं है बल्कि लगभग 8 प्रतिशत के करीब है।

इस पर सीतारमण को जवाब देना चाहिए। शर्मा ने कहा कि बैंक चरमरा गए हैं लेकिन वित्तमंत्री सीतारमण गलत बयानबाजी कर रही हैं। उन्होंने बताना चाहिए कि केंद्र सरकार ने पिछले छह सालों में क्या किया है। शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की सबसे अधिक आत्महत्या हुई है। प्रदेश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। भाजपा ने जो वादा किया था वो पूरा नहीं किया। लेकिन चुनावी रैली में भाजपा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की जिक्र कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अर्थवव्यस्था के मुद्दे पर बात नहीं कर सकते हैं। वो अपने आप में बहुत बड़ा मजाक भी होगा। हम प्रधानमंत्री को ऐसी परेशानी में नहीं डालना चाहते। पर हमारी खुली चुनौती है कि सीतारमण को है वे चाहें तो हमसे चर्चा कर सकती हैं।

भाजपा की ओर से घोषणपात्र में स्वतंत्र वीर सावरकर को भारतरत्न देने के मुद्दे पर शर्मा ने कहा कि भाजपा की केंद्र में 12 साल तक सरकार रही है लेकिन भाजपा को सावरकर की कभी याद नहीं आयी। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य में नुकसान न हो इसलिए इस मुद्दे को लाया गया है। शर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में दुर्भाग्य की बात यह है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जवाबदेही से बच रहे हैं। भाजपा की ओर से केवल भ्रामक प्रचार शुरू है।

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