पत्नी ने किया पहचानने से भी इंकार तो उतार दिया मौत के घाट

पत्नी ने किया पहचानने से भी इंकार तो उतार दिया मौत के घाट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-15 08:26 GMT
पत्नी ने किया पहचानने से भी इंकार तो उतार दिया मौत के घाट

डिजिटल डेस्क, सतना। जिससे शादी के लिए घर-परिवार को छोड़ दिया, जब उसने साथ देने से इंकार कर दिया तो गुस्से में आकर मौत के घाट उतार दिया। प्यार में कातिल बनने की यह हकीकत पन्ना जिले के अमानगंज थाना अंतर्गत सूरजपुरा गांव के विनोद सिंह पुत्र नारायण सिंह पटेल 28 वर्ष की है, जिसने 17 नवम्बर 18 को दोपहर 12:45 बजे बांधवगढ़ कालोनी में अपनी पत्नी कोमल सिंह पुत्र दशरथ पटेल 20 वर्ष निवासी अबेर हाल बांधवगढ़ कालोनी को टांगी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। 28 दिन बाद सुनवानी पुलिस की मदद से पकड़ में आए आरोपी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि कोमल से उसने प्रेम विवाह किया था, लेकिन परिजन को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। लिहाजा शादी के बाद पत्नी को लेकर रायपुर चला गया था, जहां कुछ माह रहने के बाद वह मायके आ गई थी। इसके बाद वापस लौटने को तैयार नहीं हुई, तब उसने कई बार समझाने का प्रयास किया पर हर दफा निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में गुस्से से आग बबूला होकर पत्नी को सबक सिखाने का मन बना लिया और सतना आकर पूरी जानकारी जुटाई, तब पता चला कि कोमल हर दिन घर से टिफिन लेकर फैक्ट्री में काम करने वाले भाई अरूण को देने जाती है। पूरे रास्ते की रेकी करने के बाद 17 नवम्बर को सुबह 11 बजे टांगी लेकर बांधवगढ़ कालोनी पहुंच गया और पार्क के पास छिपकर इंतजार करने लगा। जब वह मौके पर पहुंची तो रास्ता रोककर साथ चलने के लिए कहा, लेकिन कोमल ने पहचानने से भी इंकार कर दिया और आगे बढ़ गई। उसके रवैये से आग बबूला होकर आरोपी विनोद ने टांगी से कई बार कर मौत के घाट उतार दिया और भाग निकला।

बरामद कराई टांगी
आरोपी ने घटनास्थल के पास ही झाड़ियों में टांगी फेंक दी थी, जिसे उसकी निशानदेही पर बरामद कर लिया गया। पुलिस कप्तान संतोष सिंह गौर ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 5 हजार का इनाम घोषित किया था।

नहीं था कोई पछतावा
आरोपी का एक घर पन्ना जिले के सूरजपुरा में है और दूसरा दमोह जिले में है। वह हत्या के बाद इन्हीं गांवों में छिपकर फरारी काट रहा था। बुधवार को मुखबिर से सूचना मिलने पर कोलगवां पुलिस की टीम पन्ना गई और सुनवानी पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर सतना ले आई, जहां पूछताछ में उसने बेहिचक जुर्म कुबूल कर लिया, लेकिन अपने किए पर जरा भी पछतावा और दुख जाहिर नहीं किया। इस कार्रवाई में टीआई आरपी सिंह के साथ एसआई आरपी त्रिपाठी, एएसआई भीम सेन उपाध्याय, प्रधान आरक्षक राजेश तिवारी, प्यारेलाल वर्मा, आरक्षक पूर्णेश पांडेय, दानबहादुर सिंह, रविराज सिंह, आनंद साकेत, बाबूलाल मरकाम शामिल रहे।

 

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