सेवानिवृत्त शिक्षक को क्लेम के लिए देनी पड़ी रिश्वत

सेवानिवृत्त शिक्षक को क्लेम के लिए देनी पड़ी रिश्वत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-26 08:07 GMT
सेवानिवृत्त शिक्षक को क्लेम के लिए देनी पड़ी रिश्वत

डिजिटल डेस्क,उमरिया। यहां एक सेवानिवृत्त शिक्षक प्राचार्य के समक्ष गिड़गिड़ाता रहा कि उसकी पत्नी की दोनों किडनी खराब है जिसे तत्काल इलाज की जरूरत है इसलिए उसके सेवानिवृत्ति संबंधित भुगतान शीघ्र कर दिए जाएं किंतु इस प्राचार्य का दिल नहीं पसीजा और उसने शिक्षक से 75 हजार रूपये रिश्वत लेने के बाद अपनी कलम चलाई। इतना ही नहीं उसने और रिश्वत वसूलने के लिए शिक्षक के आधे रोक दिए। मामला तब संज्ञान में आया जब शिक्षक के पुत्र द्वारा कलेक्टर से शिकायत की गई । 

इस संबंध में बताया गया है कि शिक्षा विभाग में पेशे को कलंकित करना वाला मामला सामने आया है। सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपने क्रमोन्नति, जीपीएफ  लेने के लिए 75 हजार रुपए रिश्वत देनी पड़ी। यही नहीं रकम देने के बाद भी स्कुल प्राचार्य ने सारे भुगतान अदा नही करवाए। मामला कलेक्टर तक पहुंचने पर पहले उन्होंने रिश्वत की रकम लौटवाई। नोटिस जारी कर हफ्तेभर में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। ज्ञात हो कि पीड़ित सेवानिवृत्त शिक्षक को यह राशि अपनी पत्नी की दोनों किडनी फेल होने पर अत्यावश्यक थी।

मामला जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 11 का है। दीपक सिंह चौहान  पिता भूपत सिंह ने इस संबंध में कलेक्टर दी गई शिकायत में  उल्लेखित किया है कि 31 अक्टूबर 2018 में पिता भूपत सिंह शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। तब से आठ माह हो गए अभी तक उन्हें पेंशन आदि विभिन्न देयक का भुगतान नहीं हो रहा था। शासकीय बालक कॉलरी के प्राचार्य बीएस मरावी से मिलकर उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई। इसके बाद उन्होंने निराकरण के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक देवनारायण विश्वकर्मा को एजेण्ड बनाकर भेज दिया। उसने बताया साहब काम कर देंगे लेकिन पहले 75 हजार देना पड़ेगा। मजबूर पिता ने वह रकम भी दे दी। फिर भी उन्होंने सारे भुगतान नहीं दिलवाए। सुविधा शुल्क न मिलने पर सेवानिवृत्त अध्यापक के देयक लटकाए।

राशि लौटवाई, जांच के निर्देश

वहां से मायूसी हाथ लगने के बाद पीड़ित पुत्र ने 11 जून को कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी से जनसुनवाई में आवेदन दिया। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द निराकरण का आश्वासन दिया। तत्काल डीईओ को जांच के निर्देश दिए। उसके पहले रिश्वत के रूप में ली गई 75 हजार की रकम वापस कराने के निर्देश दिए। हरकत में आए डीईओ ने 24 जून को उक्त रकम लौटाई। साथ ही प्रकरण में संलग्न प्राचार्य को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश होगी। इसी समय में फरियादी के सारे देयक का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

मां की दोनो किडनी थी खराब 

फरियादी दीपक चौहान के मुताबिक प्राचार्य व उसके साथी मां बीमारी  को सुनकर भी नहीं पसीजे थे। उसने बताया था मेरी माता की दोनो किडनी खराब थी। उनका रायपुर छत्तीसगढ़ में इलाज चल रहा था। इसलिए भी मुझे पैसो की तुरंत जरुरत थी। लेकिन वे लोग भुगतान के पहले 75 हजार लेने पर अड़े रहे। पैसे लेने के बाद भी क्रमोन्नति, जीपीएफ आदि का लाभ नही मिला।

इनका कहना है 

जनसुनवाई में जब वह मेरे पास आया तो  मुझे यकीन नहीं था। मैंने डीईओ को बोला हम शिक्षक पर कार्रवाई कर एफआईआर करवाएंगे, वो पैसा वापस कर दें। तो उसने पैसा वापस कर दिया। इससे यह साबित हो गया कि उसने पैसा लिया था। इसके बाद आज नोटिस जारी किया गया है। आज जनसुनवाई में भी दो इस तरह के प्रकरण मौके पर निराकृत कराए गए हैं। डीईओ एक बैठक लेकर इस तरह के ड्यूज वाले प्रकरण निराकृत करेंगे। इस पूरे मामले में हमने ये कार्रवाई की है।
स्वरोचिष सोमवंशी,कलेक्टर उमरिया

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