गौशाला बन जाती हैं शहर की सड़कें, कांजी हाउस के लिए नपा को नहीं मिल रही जमीन

गौशाला बन जाती हैं शहर की सड़कें, कांजी हाउस के लिए नपा को नहीं मिल रही जमीन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-11 08:36 GMT
गौशाला बन जाती हैं शहर की सड़कें, कांजी हाउस के लिए नपा को नहीं मिल रही जमीन

डिजिटल डेस्क, उमरिया। रानी दुर्गावती चौक, पुराना बस स्टैण्ड, जय स्तंभ व गांधी चौक जैसे शहर के अहम इलाके इन दिनों शाम होते ही अघोषित गौशाला में तब्दील हो जाते हैं। मवेशियों की भीड़ भी इतनी की दोपहिया हो या फिर चार पहिया सभी वाहन चालक को बिना ब्रेक लगाए आगे जाने का रास्ता नहीं मिल पाता। ब्रेकर का काम कर रहे बेजुबानों को कई बार यह कीमत अपनी जान गवांकर भी चुकानी पड़ जाती है।

लोढ़ा-भरौला के पास, एनएच 43 खलेशर नाका तथा सगरा मंदिर इलाके में कई बार बेकाबू रफ्तार वाहन मवेशियों को रौंद भी चुके हैं। फिर भी नगर पालिका और यातायात विभाग इनका स्थाई निराकरण नहीं कर पा रहे हैं। खासकर शहर के भीतर हांका दल, कांजी हाउस व काउ कैचर की की कार्रवाई दशकों से कागजों के बाहर मैदानी स्तर पर नहीं निकल पा रही।

नपा के पास नहीं है कोई व्यवस्था
जिला मुख्यालय में इस अव्यवस्था पर गौर करें तो यह समस्या दशकों से है। पूर्व नगर सरकार द्वारा इसे प्राथमिकता से क्रियान्वयन का कई बार आश्वासन दिया गया, लेकिन अमल नहीं हो पाया। वर्तमान में नगर पालिका के पास अवारा मवेशियों पर नकेल कसने कोई व्यवस्था नहीं है। पूर्व में काउ कैचर खरीदने से हांकादल गठित करने की कार्रवाई हुई, लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। इसके पीछे नगर पालिका का एक तर्क यह भी है कि उन्हें पहले आवारा मवेशियों को रखने के लिए कांजी हाउस की जरुरत है, जिसके लिए जमीन नहीं मिल पा रही। जबकि जानकारों की मानें तो सालों से इस समस्या पर नगर पालिका ने कभी सख्ती से कोई कदम उठाया ही नहीं। बड़े मंत्री व अफसरों के दौरे के समय ही इनका दल कुछ सक्रिय होता है। फिर दौरे के बाद आम जानस के लिए स्थिति पूर्ववत हो जाती है।

बेगुनाहों की जा रही जान
पुलिस विभाग की मानें तो हाईवे व सड़क के भीतर वाहन दुर्घटना का एक कारण आवारा मवेशियों की धमौचौकड़ी भी है। बिरसिंहपुर पाली, नौरोजाबाद से लेकर उमरिया, मानपुर व चंदिया में प्रतिवर्ष दर्जनों लोग मवेशियों को बचाने के चक्कर में खुद की जान गवां बैठते हैं।

नोटिस की कार्रवाई भी नहीं, कैसे लगे लगाम
जिला मुख्यालय में इस अव्यवस्था पर गौर करें तो यह समस्या दशकों से है। पूर्व नगर सरकार द्वारा भी कोई कारगर प्रयास नहीं किए गए। दूसरी ओर लोगों का कहना है भले ही इनके पास कांजी हाउस न हो, लेकिन वे ऐसे इलाके में मवेशी चिन्हित कर मवेशी पालकों को नोटिस जारी कर सकते हैं। इसी तरह बेलगाम आवारा सूकरों का भी कुछ वार्डों में आतंक है। खासकर खलेशर, कैम्प, झिरिया मोहल्ला, नइगमाटोला तथा लालपुर इलाके में आवारा सूकर नालियों के माध्यम से बस्तियों में गंदगी फैलाने का कार्य कर रहे हैं। इन पर भी नपा की लगाम नहीं।

चलाएंगे अभियान
मुख्य मार्ग में मवेशियों की जमघट के चलते यातायात में बाधा पहुंचती है। पूर्व में इनमे रिफलेक्टर लगाने का कार्य भी किया था। नपा से चर्चा कर जल्द ही दोबारा प्रयास करेंगे।
अखिल सिंह, प्रभारी यातायात उमरिया

 

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