हाईकोर्ट ने कहा - पूर्व मंत्री देशमुख के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का दायरा बढ़ाए सीबीआई

हाईकोर्ट ने कहा - पूर्व मंत्री देशमुख के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का दायरा बढ़ाए सीबीआई

Tejinder Singh
Update: 2021-07-07 14:07 GMT
हाईकोर्ट ने कहा - पूर्व मंत्री देशमुख के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का दायरा बढ़ाए सीबीआई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ वसूली व भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सीबीआई को कहा है कि वह अपने जांच का दायरा बढ़ाए। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि हम किसी का नाम नहीं ले रहे है, लेकिन कोई भी प्रशाकीय मुखिया यह कह खुद को बेगुनाह होने का दावा नहीं कर सकता है कि वो सिर्फ आदेशों का पालन कर रहा था। क्योंकि उसकी भी अपनी जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कहा कि मान लें कि मंत्री ने भले ही बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की बहाली का आदेश जारी किया था, लेकिन महत्वपूर्ण पद पर बैठा व्यक्ति क्या अपनी ड्यूटी निभाए बिना सिर्फ आदेश का पालन करेगा। 

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ ने कहा कि यदि हाईकोर्ट की ओर से 5 अप्रैल 2021 को सीबीआई को पूर्वमंत्री देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर जारी आदेश को सही अर्थ देना है, तो इसके लिए जरुरी है कि प्रकरण से जुड़े हर व्यक्ति की भूमिका की जांच की जाए।

खंडपीठ के सामने देशमुख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में देशमुख ने खुद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की है। 24 अप्रैल को प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने भ्रष्टाचार व पद का दुरुपयोग करने के आरोप को लेकर देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हाईकोर्ट ने पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। 

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि हम अपेक्षा करते हैं कि सीबीआई इस मामले को लेकर अपने जांच के दायरे को बढ़ाएगी। हम आशा करते हैं कि सीबीआई इस मामले से जुड़े षडयंत्रकारियों का पता लगाने में सफल होगी। खंडपीठ ने कहा कि एंटीलिया और कारोबारी मनसुख हिरेन मामले में गिरफ्तार वाझे को सेवा बहाली देनेवाली कमेटी को भी आरोपी की सूची में शामिल करना चाहिए। हम किसी का नाम नहीं ले रहे हैं। आखिर किसने वाझे को 15 साल के अंतराल के बाद पुलिस दल में उसकी सेवा बहाली का आदेश जारी किया। इस सवाल पर सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि सीबीआई मामले से जुड़े साजिशकर्ताओं का पता लगाने में जुटी हुई है। सीबीआई व्यापक रुप से इस मामले की जांच कर रही है। किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। अभी भी सीबीआई की जांच प्रारंभिक स्तर पर है। अभी भी तथ्य अस्पष्ट हैं, इसलिए अभी से मामले को लेकर कोई प्रारंभिक राय नहीं बनाई जा सकती। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया जाए। वहीं देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि सीबीआई की ओर से मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में किसी अपराध का खुलासा नहीं होता है। मामले को लेकर सबूतों का आभाव नजर आ रहा है। देशमुख व किसी अन्य के बीच पैसे को लेकर कोई लेन –देन नहीं हुआ है। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई 12 जुलाई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। 

 

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