महिला से छेड़खानी के आरोपी लिपिक ने बदला लेने सीएफ के खिलाफ अजाक्स थाने में की शिकायत

महिला से छेड़खानी के आरोपी लिपिक ने बदला लेने सीएफ के खिलाफ अजाक्स थाने में की शिकायत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-15 09:01 GMT
महिला से छेड़खानी के आरोपी लिपिक ने बदला लेने सीएफ के खिलाफ अजाक्स थाने में की शिकायत

डिजिटल डेस्क, सतना। वन विभाग का एक लिपिक महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ के आरोप में विभाग द्वारा दंडित किया गया तो उसने इसका बदला लेने के लिए विभाग के उच्चाधिकारी सीएफ के खिलाफ ही एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए आजाक्स थाने में आवेदन कर दिया।  केन्द्र सरकार द्वारा संसद में एससी-एसटी एक्ट में कड़े संशोधन किए जाने के बाद एक्ट के तहत की जाने वाली शिकायतों की बाढ़ सी आ गई है। सामान्य लोगों की बात दूर क्लास वन ऑफीसरों तक को इस एक्ट में लथेड़ने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।

जनपद सीईओ के विरुद्ध उन्हीं के कार्यालय के बाबू द्वारा की गई शिकायत को थोड़ा ही समय बीता था कि वन विभाग के एक चर्चित लिपिक बसंतलाल सोनकर ने आजाक थाने में लिखित शिकायत देकर सीएफ राजीव मिश्र व उचेहरा रेंजर रमाशंकर त्रिपाठी के विरुद्ध प्रताड़ित किए जाने की शिकायत करते हुए एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। इस घटना की खबर लगते ही प्रशासनिक व वन विभाग में खलबली मच गई है।

बहाली के बाद भी नहीं किया ज्वाइन
वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि बसंतलाल मूल रूप से रीवा वन मंडल में पदस्थ था, उसके खिलाफ एक महिला कर्मचारी ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी। तत्कालीन वन संरक्षक एम काली दुरई ने आरोप प्रमाणित पाए जाने पर उसे सस्पेंड कर दिया था। पूर्व वन मंडलाधिकारी आरबी शर्मा ने कुछ समय बाद बहाली होने पर उचेहरा कार्यालय में पदस्थ कर दिया। लोगों का कहना है कि उचेहरा कार्यालय की एक महिला कर्मचारी के साथ की रीवा जैसी घटना दुहराई गई। उसने लिखित शिकायत की और सीएफ ने सस्पेंड कर दिया। कुछ समय बीतने के बाद उसने गलती न करने का वादा किया और तरस खाकर उसी की इच्छा से चित्रकूट कार्यालय भेज दिया। लेकिन वह कभी चित्रकूट कार्यालय जाता ही नहीं था।

 

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