कोल्ड अटैक: सात दिन में पहुंचे 2466 मरीज

कोल्ड अटैक: सात दिन में पहुंचे 2466 मरीज

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-29 17:36 GMT
कोल्ड अटैक: सात दिन में पहुंचे 2466 मरीज


डिजिटल डेस्क उमरिया। कोल्ड अटैक ने घरों में लोगों की मुसीबत बढ़ा दी हैं। ठंड बढऩे के साथ ही बुजुर्ग व बच्चों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बुजुर्गों में बीपी लेबल, दमा, लकवा की दिक्कतें प्रारंभ हो चुकी हैं। इसी तरह 0-5 साल के बच्चों को भी मौसमी बीमारियों ने जकडऩा शुरु कर दिया है। जिला अस्पताल में पिछले पांच दिन के भीतर 90 बच्चे भर्ती हुए। डॉक्टरों ने इनकी जांच कर निमोनिया, दमा व सर्दी जुकाम की दवा आरंभ कर दी है। डॉक्टर्स अनुसार कोल्ड अटैक के चलते इनके मरीजों में यह वृद्धि हुई है।
ज्ञात हो कि उमरिया में नवजात शिशु के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा एसएनसीयू का संचालन किया जाता है। इन वार्डों में नवजात शिशुओं को जन्मोपरांत जांच व इलाज की सुविधा रहती है। इसके अलावा  इसी तल में पीडियाट्रिक आईसीयू 20, पीडियाट्रिक वार्ड 10 बेड के हैं। वर्तमान में यहां ज्यादातर मरीज भर्ती हैं। शुक्रवार-शनिवार के अलावा पिछले पांच दिन में 90 बच्चे भर्ती हो चुके हैं। धमोखर निवासी मरीज कैलाश यादव(3) रीनू यादव (ढाई), ज्योति बर्मन (2) निवासी कैम्प, संदीप कोल (2) निवासी झिरिया मोहल्ला, ज्वालामुखी निवासी चांदनी कोल (2), सुनीता सेन (2), अनारकली पाल (6 माह), माह, बिलकिश, रजनी व ऊषा रजक ये सभी 6 माह के निवासी उमरिया थे। 

इन बीमारियों का प्रकोप
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ विनोद गुप्ता ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण नमी बन जाती है। इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक बच्चे में रहता है। ऐसे में बच्चों के प्रति ठंड में सावधानी बरतनी चाहिए। ठंड के बढऩे के साथ बच्चों में कोल्ड डायरिया, निमोनिया, एलर्जीक, ब्राकाइटिस, सर्दी, बुखार, खांसी, त्वचा रोग जैसी बीमारी हो जाती है। वहीं ठंड का असर वृद्ध लोगों पर भी देखा जाता है। इन पर ठंड के प्रभाव से जोड़ों में दर्द, पेट की खराबी, दमा, एलर्जी, त्वचा रोग, सर्दी, खासी जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

अस्पताल में बीपी जांच कराने पहुंच रहे वृद्ध
डॉक्टर अनुसार ठंड के साथ ही बुजुर्ग में लकवा व हार्ट के केस बढ़े हैं। वे जोड़ों के दर्द से भी परेशान हैं। अस्पताल में कार्डिया ग्राफी, हार्ट मरीज भी रूटीन जांच के लिए पहुंचे। डॉक्टरों के अनुसार विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही पर स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। पैथालॉजी जांच चिकित्सकों के मुताबिक पारा कम होने से पिछले कुछ दिनों में ब्लड सुगर की जांच के लिए प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। 

बुजुर्गों में बीमारी के कारण
डॉक्टरों ने बताया कि ठंड बढऩे से बुजुर्ग मरीजों के खून में गाढ़ापन बढ़ जाता है। इससे नाड़ी में सिकुडऩ बढ़ जाती है। हार्ट रोग विशेषज्ञ अनुसार नसों में 30 फीसदी तक रुकावट हो जाती है। इस मौसम में लोग पानी भी कम पीते हैं। खानपान भारी हो जाता है। लोग मांस, मछली के साथ घी ज्यादा खाते हैं। एक्सरसाइज भी कम हो जाता है। प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। धुंध होने की वजह से प्रदूषण के कण नीचे आ जाते है, जो सांस के जरिए हार्ट तक पहुंचते हैं। यही वजह है कि इस मौसम में हार्ट की बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। खासकर बुजुर्ग मरीजों को ऐसे मौसम में बचकर रहना चाहिए। खानपान व दिनचर्या में डॉक्टरों की सलाह लें। ठंड में गर्म कपड़े हर समय पहने रहना चाहिए।

ठंड में बीमारी से बचने रखें ये सावधानी
बीमारियों से बचने में सावधानी ही सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। डॉक्टर अनुसार ऐसे सीजन में शरीर ढककर रखें। बाहर गाड़ी चला रहे हों या घर पर हों, हाथ और पैरों को ठंड से बचाने के लिए मोजे व दस्ताने का उपयोग करें। शरीर में ऊर्जा बढ़ाने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रखने के लिए मौसमी फल (संतरा, अमरूद, पपीता, चीकू और सब्जियां पालक, चुकंदर, आंवला, गाजर लें।) सब्जियों का सूप पीएं।
अस्थमा या सांस संबंधी रोग से पीडि़त हैं तो सुबह की बजाय हल्की धूप निकलने पर ही टहलने जाएं। 
खांसी-जुकाम व बुखार जैसी समस्याएं हों तो अदरक, तुलसी, हल्दी और कालीमिर्च जैसी घरेलू चीजों से बना काढ़ा पी सकते हैं। पानी भी गुनगुना करके ही पीना चाहिए। 

जिला अस्पताल में आउटडोर ओपीडी का हाल
समय         संख्या     इनडोर
21 दिसंबर        400    60
22 दिसंबर     अवकाश    -
23 दिसंबर     480    42
24 दिसंबर     462    27
25 दिसंबर     अवकाश    -
26 दिसंबर     386    65
27 दिसंबर     383    29
28 दिसंबर     355    16
कुल         2466    213

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