‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, पूछा- हायपरलूप के लिए कहां से आएगा पैसा

‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, पूछा- हायपरलूप के लिए कहां से आएगा पैसा

Tejinder Singh
Update: 2018-02-21 14:23 GMT
‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, पूछा- हायपरलूप के लिए कहां से आएगा पैसा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार द्वारा आयोजित मैग्नेटिक महाराष्ट्र निवेशक सम्मेलन पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा है कि पिछले साढे तीन वर्षों से यह सरकार निवेश को लेकर गलत आकड़े पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी थी। निवेश के दावों को लेकर सरकार श्वेतपत्र जारी करे। बुधवार को मुंबई कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चव्हाण ने कहा कि सरकार का दावा है कि मैग्नेटिक महाराष्ट्र में 16 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। इससे 38 लाख रोजगार के असवर पैदा होंगे। पर मैं जानना चाहता हूं कि इस सरकार ने ओलावृष्टि पीड़ित किसानों के लिए कितना निवेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्ष पहले मेक इन इंडिया में 8 लाख करोड़ के निवेश और 30 लाख लोगों के रोजगार का दावा किया गया था। लेकिन इस संबंध मेz सरकार की तरफ से कोई सबूत नहीं दिए गए। पिछले दो वर्षों में किसी को रोजगार मिलता दिखाई नहीं दिया। इस लिए यह सरकार अब जनता का विश्वास खो चुकी है। चव्हाण ने कहा कि सरकार बताए कि इश आयोजन के विज्ञापन और इवेंट मैनेजमेंट पर कितने खर्च हुए और साथ ही निवेश को लेकर श्वेत पत्र जारी करे। उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य के किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो दुसरी ओर सरकार इश तरह के कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। 

केवल 4 लाख 4 हजार 801 उद्योगों ने कराया पंजीकरण

कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के सूक्ष्म-लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय सितंबर 2015 से उद्योग आधार क्रमांक मेमोरेंडम केंद्र सरकार की वेबसाईट पर दर्ज करना अनिवार्य किया है। इन आकड़ों से पता चलता है कि राज्य में सूक्ष्म-लघु व मध्यम उद्योग के लिए केवल 4 लाख 4 हजार 801 उद्योगों ने अपना पंजीकरण कराया है। इसमें महाराष्ट्र पड़ोसी राज्य गुजरात, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश व बिहार से पीछे है। देश में नीची निवेश के मामले में भी महाराष्ट्र अन्य राज्यों कर्नाटक, गुजरात से पीछे है। फडणवीस सरकार निवेश के आश्चर्यजनक आकड़े पेश कर रही है। जबकि हाल ही में प्रकाशित रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार निवेश के मामले में गुजरात महाराष्ट्र से आगे है। उन्होंने सवाल किया कि फॉक्सकान ने महाराष्ट्र में निवेश के लिए क्यों तैयार नहीं हुआ। 

हायपरलूप के लिए कहां से आएगा पैसा

चव्हाण ने कहा कि हायपरलूप परियोजना के लिए कितनी रकम खर्च होगी और इसका इंतजाम कहां से होगा? इस बारे में सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है। केवल सामंजस्य करार कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। सरकार ने इस बात की जानकारी भी नहीं हासिल की है कि यह परियोजना कितनी कारगर होगी। केवल निवेश के आकड़े बड़े दिखाने के लिए 40 हजार करोड़ का सामंजस्य करार कर लिया। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सी-प्लेन की घोषणा की थी। अब हायपरलूप ले आए हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार यह घोषणा भी कर सकती है कि मंगल ग्रह पर पर्यटन के लिए रोज राकेट भेजे जाएंगे।  
 

Similar News