अस्पताल में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं मरीज

अस्पताल में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं मरीज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-24 11:30 GMT
अस्पताल में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं मरीज

डिजिटल डेस्क, उमरिया। आईसलोशन, टीवी व उल्टी दस्त जैसी संवेदनशील बीमारी के मरीजों को ट्रामा सेंटर में दूषित पानी पिलाया जा रहा है। बोरवेल से पानी सप्लाई आरो वॉटर में दी गई है। वहां से फिल्टर होकर मरीज व अटेण्डरों को आपूर्ति की व्यवस्था है। बावजूद इसके देखरेख के अभाव में आरो वाटर की जगह दूषित पानी लोगों तक पहुंच रहा है। बॉटल में पानी भरते ही नीचे कचरे की परत जम जाती है। गौरतलब है कि इस समय मौसमी बीमारियों का प्रकोप वैसे भी ज्यादा है। ऊपर से दूषित पानी मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की बजाय बीमार करने का काम कर रहा है।

 आकस्मिक इलाज के उद्देश्य से जिला मुख्यालय में ट्रामा युनिट की शुरूआत हुई थी। 30 अप्रेल 2016 तत्कालीन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास व प्रभारी मंत्री उमाशंकर गुप्ता द्वारा भवन का लोकार्पण किया गया। वर्तमान में ट्रामायुनिट सेंटर में बर्नबार्ड व टीवी वाले मरीजों के बेड संचालित किये जा रहे हैं। अलग-अलग कमरों में 29 बिस्तर के अस्पताल परिसर में वर्तमान में क्षमता से अधिक मरीजों को खुले में लेटाकर इलाज किया जा रहा है।

हफ्तों से है शिकायत, घर के पानी भरोसे स्वास्थ्यकर्म

अस्पताल में भर्ती मरीज की परिजन गेंदा बाई निवासी मानपुर ने बताया वह पिछले 15 दिन से यहां भर्ती है। मरीज व अटेण्डरों के लिए पेयजल हेतु यह आरो वाटर लगाया गया है। हफ्तेभर से अधिक हो गये यहां से पानी भरते ही बॉटल में पानी का रंग लाल हो जाता है। करकेली निवासी दिनेश व मुकेश सिंह ने बताया एकमात्र आरो व ठण्डा पानी होने से सभी लोग यही से पानी भरते हैं। बॉटल व बर्तन में ज्यादा देर तक पानी रखने पर दुर्गंध सी उठती है। यही नहीं सफाई के अभाव में बीमारी के डर से कार्यरत ज्यादातर महिला स्वास्थ्य कर्मचारी घर से लाये पानी के भरोसे निस्तार कर रही है।

नहीं लगे हैं सीसीटीवी कैमरे

नई इमारत में संचालित 29 बिस्तर वाले ट्रामा सेंटर में वर्तमान समय 50 से अधिक मरीज बताये जा रहे हैं। ऊपर से प्रति मरीज औसतन 2-3 व्यक्ति प्रतिदिन डेढ़ सौ से अधिक लोगों की भीड़ मौजूद रहती है। मुख्य परिसर से दूरी व पीछे निकासी मार्ग व खुला होने के कारण महिला स्वास्थ्यकर्मचारियों की सुरक्षा भी खतरे में हैं। कार्यरत कई महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कई बार परीज के परिजन आक्रोशवश बदसलूकी करते हैं। इनकी देखरेख के लिए सुरक्षाकर्मी से लेकर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था नहीं है। ताकि वे निर्भय होकर काम कर सकें। पीछे बाउण्ड्रीवाल पार कर कोई भी भीतर प्रवेश कर वारदात अंजाम दे सकता है।

नहीं दिया जवाब

अव्यवस्था के संदर्भ में जिला अस्पताल में पदस्थ आरएमओ संदीप सिंह से फोन संपर्क किया गया तो उन्होंने तुरंत फोन काट दिया। वहीं सिविल सर्जन डॉ. कॉनस्कर किसी मीटिंग में व्यस्त रहे। किसी ने दोबारा अपनी तरफ से रिस्पांस नहीं दिया।

 

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