सीमेंट फैक्ट्री में हादसा , मजदूर की मौत -7 घंटे तक चला हंगामा

सीमेंट फैक्ट्री में हादसा , मजदूर की मौत -7 घंटे तक चला हंगामा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-29 08:38 GMT
सीमेंट फैक्ट्री में हादसा , मजदूर की मौत -7 घंटे तक चला हंगामा

डिजिटल डेस्क, सतना। कोलगवां थाना क्षेत्र में संचालित सीमेंट फैक्ट्री में दोपहर को हापड़ की सफाई के दौरान मलबे में दबने से ठेका श्रमिक की मौत हो गई। इस घटना से भड़के सैकड़ों मजदूरों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए काम रोक दिया। लगभग 7 घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन और पुलिस की हस्ताक्षेप से विवाद खत्म हुआ। तब परिजन लाश लेकर गांव चले गए। 

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक जितेन्द्र सिंह पुत्र राजभान सिंह 35 वर्ष निवासी सगरा थाना लौर जिला रीवा बीते पांच सालों से ठेकेदार राजू खत्री के साथ फैक्ट्री में काम कर रहा था। मंगलवार दोपहर को उसकी ड्युटी हापड़ की सफाई में लगाई गई थी।  इसी दौरान लगभग 12 बजे एकदम से डस्ट डिस्चार्ज होने से वह 20 टन मलबे के नीचे  दब गया,जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।  जब अन्य श्रमिकोंं की नजर पड़ी तो शोर मचाते हुए ठेकेदार को खबर दी जिसने अन्य मजदूरों को वहां से हटाते हुए डॉक्टर को बुलाकर जांच कराई और उसे जीवित बताकर अस्पताल ले जाने की कोशिश में लग गया। लेकिन मजदूरों को ठेकेदार के इरादे की भनक लग गई लिहाजा गाड़ी रोककर लाश को उतरवा लिया,यह खबर फैलते ही सभी मजदूरों ने काम बंद दिया,उधर सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर आ गई। मजदूरों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार के लोगों ने हादसे के बाद हेलमेट और बेल्ट गायब कर दिया था।

तब उठाई लाश 
इस घटना की सूचना मृतक के परिवार और रिश्तेदारों को मिली तो दोपहर लगभग 3 बजे बड़ी संख्या में लोग फैक्ट्री पहुंच गए। विवाद बढ़ता देख तहसीलदार शैलेन्द्र बिहारी शर्मा,सीएसपी विजय प्रताप सिंह और टीआई आरपी सिंह ने फैक्ट्री प्रबंधन व परिजन को आमने -सामने बैठाकर चर्चा कराई। लंबी बातचीत के बाद प्रबंधन की तरफ से मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 51 हजार की नगद आर्थिक सहायता,बीमा और फंड की राशि जल्द से जल्द दिलाने,पत्नी ऊषा को नौकरी, 9 वीं में पढ़ रही बेटी और 7 वीं में पढ़ रहे बेटे की 12 वीं तक की  नि:शुल्क शिक्षा, फैक्ट्री की तरफ से जितेन्द्र को दिया गया मकान पत्नी को आवंटित करने के साथ ही एक निश्चित राशि का चेक देने की लिखित सहमति दी गई,जिसके बाद परिजन और मजदूरों ने लाश उठाने दी। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शाम 7 बजे परिजन शव लेकर गांव चले गए।
 

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