सतना: गोबरांवखुर्द गांव के युवाओं की अनुकरणीय पहल बगीचे में बनाया देशी जिम

सतना: गोबरांवखुर्द गांव के युवाओं की अनुकरणीय पहल बगीचे में बनाया देशी जिम

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-09-24 08:14 GMT
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डिजिटल डेस्क, सतना। सतना जिले की उचेहरा तहसील के ग्राम गोबरांवखुर्द के युवाओं द्वारा बगीचे के खुले वातावरण में हरे-भरे पेड़ों के बीच देशी जिम बनाकर आत्मनिर्भरता की अनुकरणीय पहल पेश की गई है। जुगाड़ के सामानों से बने जिम में उपलब्ध चेस्ट बेंच, पेट कम करने वाली बेंच, वजन के हिसाब से अलग-अलग डंबल, बार्बल प्लेट, पैर की एक्सरसाइज के चैनल, पैरों के लिए लोअर मशीन, शोल्डर एवं कलाई की कसरत के उपकरण, कुश्ती एवं रनिंग के लिए पिच के साथ-साथ जिम में उपलब्ध होने वाले सभी उपकरणों को सामूहिक सहयोग एवं प्राकृतिक संसाधनों की मदद से तैयार किया गया है। इस देशी जिम में गांव के अलावा दूसरे गांव से भी बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग लोग आकर स्वस्थ रहने के लिए कसरत, एक्सरसाइज आदि करते हैं। देशी जिम में सहभागिता निभाने वाले नृपेन्द्र सिंहं ने बताया कि कोरोना महामारी के आने से देश एवं प्रदेश में लॉकडाउन किया गया। लॉकडाउन अवधि में जिम को पूर्णत: लंबी अवधि तक बंद किया गया था। इस अवधि में ग्रामीण युवा जो कसरत करने के आदी थे एवं भारतीय सेना, पुलिस बल आदि पदों पर भर्ती के लिए तैयारी कर रहे थे, उनका सपना टूटता हुआ दिखाई दिया। युवाओं ने सपने को टूटने नहीं देने का प्रण करते हुए हमनें देशी संसाधनों बांस, बल्ली, लकड़ी, ईंट, पत्थर, सीमेंट, लोहा, टायर, ट्यूब एवं बोरा थैली, बालू, मिट्टी आदि से कसरत करने के सभी उपकरण तैयार किए। इन कृत्रिम उपकरणों से प्रतिदिन बगीचे के जिम में प्राकृतिक वातावरण के बीच सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा अपनी इच्छा व शारीरिक क्षमातानुसार प्रतिदिन प्रात: व संध्याबेला में कसरत की जा रही है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर भारत/प्रदेश की परिकल्पना को पूरा करने में गोबरांवखुर्द गांव के युवाओं द्वारा बनाई गई यह जिम सहायक सिद्ध हो रही है। इस देशी जिम में गांव के ही युवा जो पहले जिम में कसरत अभ्यास कर चुके हैं उन्ही के द्वारा गांव के अन्य युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गांव के बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग इस देशी जिम में एक्सरसाइज कर काफी प्रसन्न एवं स्वस्थ्य हैं। इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा भी की जा रही है। यह देशी जिम आसपास के गांवों के लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बना हुआ है। गांव के लोगों में इस जिम के प्रति इतना उत्साह है कि वे युवाओं के प्रयास से प्रभावित होकर जनभागीदारी से इसे और विस्तारित रूप देना चाहते हैं। ताकि युवाओं की यह अनुकरणीय पहल आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बन जाए।

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