उमरिया: संवेदनशीलता, धैर्य के साथ करें व्यवहार प्रशासनिक व्यवस्था जनोन्मुखी रहें, राज्यपाल से प्रशिक्षु आई.ए.एस अधिकारियों ने की भेंट

उमरिया: संवेदनशीलता, धैर्य के साथ करें व्यवहार प्रशासनिक व्यवस्था जनोन्मुखी रहें, राज्यपाल से प्रशिक्षु आई.ए.एस अधिकारियों ने की भेंट

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-24 09:24 GMT
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डिजिटल डेस्क, उमरिया। उमरिया राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि अधिकारी आमजन के साथ संवेदनशीलता, धैर्य के साथ व्यवहार करें। अधीनस्थ का खुलकर बात करने के लिए भरोसा जीतें। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए उनके निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ व्यवहारिक समस्याओं से भी अवगत कराते रहें। कार्यशैली का लक्ष्य सामने वाले का भरोसा और दिल जीतने का हो। राज्यपाल आज राजभवन में सौजन्य भेंट के लिए आये मध्यप्रदेश संवर्ग के प्रशिक्षु आई.ए.एस. अधिकारियों को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव राजभवन श्री डी.पी. आहूजा भी उपस्थित थे। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि हर्ष का विषय है कि सभी अधिकारी उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त है। उनकी विशेषज्ञता का लाभ समाज को देने का अवसर मानकर कार्य करें। विशेषज्ञ ज्ञान का अधिक से अधिक उपयोग करे। जनोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्थाओं का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि पदस्थापना क्षेत्रों में व्यापक भ्रमण करें। दूरस्थ और पिछड़े अंचलो में भ्रमण को प्राथमिकता दें। भ्रमण का उद्देश्य योजनाओं की मैदानी हकीकतों का फीड बैक प्राप्त करने का होना चाहिए। आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर, वहाँ की व्यवस्थाओं को समझे, उन्हें बेहतर बनाने के प्रयास करें। वहाँ की समस्याओं से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते रहें। गांव की महिलाओं, बच्चों से खुल कर अपनेपन के साथ बात करेंगे, तो क्षेत्र की वास्तविक सूचनाएं मिलेगी। आमजन, प्रशासन की सबसे निचली कड़ी के साथ जीवंत सम्पर्क कायम रखें। उनकी दिक्कतों को समझ कर, उनके ईमानदार समाधान के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण और जमीनी अनुभवों में अंतर होता है। व्यवहार में ऐसी समस्याएं और चुनौतियाँ सामने आती है, जिनका समाधान दिशा निर्देशों में नहीं मिलता है। ऐसे समय में धैर्य, संवेदनशीलता के साथ अधीनस्थ कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल कर, सफलता प्राप्त की जा सकती है। श्रीमती पटेल ने कहा कि आमजन के प्रति संवेदनशीलता, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार आवश्यक है। उनको अपनी बात करने का पूरा अवसर मिलें। उन्हें अधिकारी से मिलने के लिए बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़े। इस की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रशासनिक सेवा किसी की मदद से मिलने वाली खुशी के अनुभवों और विकास के नये आयाम कायम करने का अवसर है। समय सीमा तय कर फाइलों का निराकरण करें। सूचना तंत्र को मजबूत रखें। छोटी से छोटी जानकारी को पूरा महत्व दें। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वनकर्मियों के लिए वन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के अनुभव का स्मरण करते हुए बताया कि नवाचारों के लिए सदैव प्रयासरत रहें। आपके ज्ञान, अनुभव का अधिक से अधिक लाभ दूसरों को मिलें। इसे कार्य का लक्ष्य बनाएं। तटस्थता का पूरी कड़ाई से पालन करें। अपने निकटवर्तीयों को गलती पर प्रश्रय नहीं दे। इससे आपकी तटस्थता और निष्पक्षता स्थापित होगी। राज्यपाल ने अधिकारियों को उनकी तीन पुस्तकों का सैट भेट किया। उनको बताया कि उनके मंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यकाल में अपने स्तर पर समाज की सेवा के उदाहरण प्रस्तुत करने वाले व्यक्तियों, जिनके कार्यों ने उनको प्रेरणा दी है। उनकी स्मृतियों का विवरण पुस्तक ष्वो मुझे हमेशा याद रहेंगेष् में है। राजभवन की गतिशीलता का विवरण प्रगतिशील राजभवन पुस्तक में दिया गया है। प्रतिबिम्ब पुस्तक में उत्तरप्रदेश के राज्यपाल के कार्यों 45 जिलों के भ्रमणों का अध्ययन है। उन्होंने अधिकारियों को निरंतर अनुभवों के लेखन के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल को महानिदेशक आर.सी.वी.पी. प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी मध्यप्रदेश श्री विनोद कुमार ने अकादमी के इतिहास और उपलब्धियों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन अकादमी की स्थापना 46 एकड़ के परिसर में वर्ष 1966 में हुई थी। यहाँ पर प्रशिक्षणार्थियों के व्यक्तिव विकास के लिए तकनीकी, शैक्षणिक, खेलकूद एवं रचनात्मक गतिविधियों की सभी आधुनिक सुविधाएं है। समृद्ध पुस्तकालय है, जिसमें 20 समाचार पत्र 65 पत्रिकाएं नियमित आती। करीब 38 हजार संदर्भ ग्रंथ है। उन्होंने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग से सम्बद्ध शीर्षस्थ तीन अकादमियों में प्रदेश की अकादमी भी शामिल है। जिसे आई.एस.ओ. 2001 प्राप्त है। उन्होंने बताया कि अकादमी को बेहतर बनाने के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। ऑन लाइन प्रशिक्षण की पहल आई.ए.एस. अधिकारियों के प्रशिक्षण से शुरु की गई है। इसे अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी लागू किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

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