पात्रता परीक्षा तो कराओ, लेकिन रिजल्ट याचिका के फैसले के अधीन रहेगा

पात्रता परीक्षा तो कराओ, लेकिन रिजल्ट याचिका के फैसले के अधीन रहेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-28 09:41 GMT
पात्रता परीक्षा तो कराओ, लेकिन रिजल्ट याचिका के फैसले के अधीन रहेगा

 डिजिटल डेस्क जबलपुर। उच्च श्रेणी शिक्षक पात्रता परीक्षा में सिर्फ अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की परीक्षा निरस्त कर रविवार 29 सितंबर को परीक्षा फिर से आयोजित कराने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने मामले पर जवाब पेश करने अनावेदकों को मोहलत देते हुए कहा कि उक्त परीक्षा कराई जाए, लेकिन उसका रिजल्ट इस मामले पर होने वाले फैसले के अधीन रहेगा।
शिक्षकों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा
प्रमोद कुमार पाठक व अन्य शिक्षकों की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि वे सभी अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं। प्रोफेशनल एग्जाम बोर्डद्वारा फरवरी 2019 में अन्य विषयों के साथ अंग्रेजी विषय की पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था। उक्त परीक्षा ऑनलाइन थी और तुरंत ही परिणाम घोषित कर दिये गये थे। याचिका में कहा गया था कि सिर्फ अंग्रेजी विषय की परीक्षा को 6 माह बाद इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि विकलांग परीक्षार्थियों को सही प्रश्न-पत्र नहीं दिये गये थे। इतना ही नहीं अंग्रेजी विषय के लिए पुन: परीक्षा का आयोजन 29 सितम्बर को किया गया है। आवेदकों का कहना है कि पात्रता परीक्षा सात साल बाद आयोजित की गई थी और अब परीक्षा निरस्त करने से उन शिक्षकों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा, जो चयनित हुए हैं। इन आधारों के साथ दायर याचिका में प्रदेश सरकार, प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड, आयुक्त डीपीआई को अनावेदक बनाया गया है। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रवीण पाण्डेय और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अभय पाण्डेय हाजिर हुए।
सुनवाई के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश पारित किए
 

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