गांव में डुग्गी पिटवाकर स्टूडेंट्स को बताएंगे पढ़ाई के तरीके

गांव में डुग्गी पिटवाकर स्टूडेंट्स को बताएंगे पढ़ाई के तरीके

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-22 12:15 GMT
गांव में डुग्गी पिटवाकर स्टूडेंट्स को बताएंगे पढ़ाई के तरीके

डिजिटल डेस्क उमरिया। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस बार पांचवी व आठवीं कक्षा की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न में ली जानी हैं। परीक्षा के लिए ढाई माह का समय बचा है। भोपाल से निर्देश मिलते ही जिले का शिक्षा महकमा तैयारी में जुट चुका है। बच्चों के अध्यापन में ध्यान केन्द्रित करते हुए अभ्यास के ढंग पर रोडमैप तैयार किया जा चुका है। पढ़ाई के तौर तरीकों से लेकर शिक्षक व अभिभावकों को जिम्मेदारी निर्धारित कर पत्र भेजे जा रहे हैं। शिक्षा की अलख जगाने ग्राम पंचायत की मदद से डुग्गी पिटवाकर पढ़ाई में प्रोत्साहन की जानकारी दी जाएगी। ताकि समय रहते कमियों को दूर कर बच्चों का बोर्ड परीक्षा में भविष्य संवारा जा सके। ज्ञात हो कि जिले में 800 शासकीय प्राथमिक एवं 381 माध्यमिक स्कूलें संचालित हैं। कुल 1181 में से 1177 राज्य शिक्षा केन्द्र के आधीन क्रियाशील हैं। इन संस्थाओं में 9469 बच्चे कक्षा पांच में अध्ययनरत है। कक्षा आठ में ज्यादा 11,207 बच्चे पढ़ रहे है। ये ऐसे विद्यार्थी जो एक दशक पहले बंद की गई परीक्षा विधि के बाद नए पैटर्न का हिस्सा बनेंगे। पहली बार इस तौर तरीके को लेकर छात्रों के मन में कोई संशय न रहे, परीक्षा परिणाम शासन की मंशानुरूप हो, इसके लिए शिक्षा विभाग कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहता।
लगेंगी निदानात्मक अतिरिक्त कक्षाएं
चूंकि परीक्षा का समय नजदीक है इसलिए निर्णय लिया गया है कि सभी स्कूलों में इन बच्चों की अतिरिक्त कक्षाएं लगेंगी। प्रतिदिन शाला के पूर्व व बाद इनका समय निर्धारित रहेगा। पढ़ाने वाले शिक्षकों का निर्धारण सूचना बोर्ड में दर्शाया जाएगा। विषय शिक्षक उपलब्ध होने पर अतिथि शिक्षकों से अध्यापन नहीं कराया जा सकेगा। ताकि बच्चों को वरिष्ठ शिक्षकों के अनुभव का लाभ मिले। 20 नवंबर से इनकी कक्षाएं सुबह 10 से पांच तक संचालित होंगी। सुबह शाम एक-एक पीरियड निदानात्मक रहेंगी। ताकि छात्र के मन में कोई समस्या न छूटे। 
अभिभावकों को जोड़ेंगे अभियान में 
मिडिल तक के बच्चों में अध्यापन रूचि के लिए घर का माहौल भी अहम माना जाता है। इसलिए संस्था प्रभारियों को अभिभावकों के साथ तालमेल बनाने के लिए कहा गया है। शिक्षक उनके साथ मिलकर बोर्ड परीक्षा संबंधी नियमों की जानकारी देंगे। बैठक के माध्यम से काउंसलिंग की जाएगी। ताकि वे बच्चो को प्रतिदिन स्कूल भेजें तथा गृह कार्य में उनका मार्गदर्शन करें। हर सप्ताह गतिविधियां का असर जानने अंत में टेस्ट होगा। कमियां निकालकर उन्हें अगले हफ्ते तक दूर करने का प्रयास किया जाएगा। 
 

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