दुरंतो फिर नागपुर जंक्शन से होगी रवाना, जानिए- कैसे पड़ रही स्पेशल ट्रेन की मार

दुरंतो फिर नागपुर जंक्शन से होगी रवाना, जानिए- कैसे पड़ रही स्पेशल ट्रेन की मार

Tejinder Singh
Update: 2020-02-20 11:08 GMT
दुरंतो फिर नागपुर जंक्शन से होगी रवाना, जानिए- कैसे पड़ रही स्पेशल ट्रेन की मार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुछ दिनों पहले नागपुर मंडल की ओर से सूचना जारी कर दुरंतो एक्सप्रेस का परिचालन नागपुर स्टेशन की जगह अजनी से चलाने की जानकारी दी गई थी। दुरंतो को भविष्य में अजनी स्टेशन से चलाने की योजना है। इसलिए इसे प्रायोगिक तौर पर 9 फरवरी से अगले तीन माह माह तक चलाने की योजना थी। स्टेशन पर पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण इसे फिर से नागपुर से चलाने की निर्णय लिया गया है। अजनी स्टेशन पर एस्केलेटर और अन्य सुविधाओं को लेकर कार्य शुरू किया गया है। 12290 नागपुर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस 20 फरवरी से नागपुर रेलवे स्टेशन से चलेगी। साथ ही 20 फरवरी को  मुंबई से चलने वाली 12289 मुंबई-नागपुर दुरंतो अगले दिन नागपुर स्टेशन ही आएगी।

स्पेशल ट्रेन की मार

यात्रियाें की प्रतीक्षा सूची को कम करने के लिए या कई अन्य कारणों जैसे त्योहार या कोई विशेष उत्सव के दौरान रेलवे की ओर से विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। इन विशेष ट्रेनों यात्रियों को सुविधा देने की बात कही जाती है। लेकिन यात्रियों को सबसे ज्यादा विशेष ट्रेनों की टिकट दरों की मार सहनी पड़ती है। साथ ही इसमें किसी तरह का कोई कंसेशन भी लागू नहीं किया जाता है। साथ ही इसका टाइम टेबल भी निश्चित नहीं रहता है। आम नागरिकों के लिए रेलवे सबसे सस्ता और सुरक्षित माध्यम है, इसलिए सबसे ज्यादा उपयोग रेलवे का किया जाता है। लेकिन जब भी विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं उसमें एक सुविधा के नाम पर सब छीन लिया जाता है। उनकी टिकट दर आम एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अधिक होती है।

नागपुर से मुंबई, नाशिक चल रही विशेष

मध्य रेलवे नागपुर मंडल की ओर से लगातार स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। नागपुर से मुंबई, नाशिक, सोलापुर और भी मार्गों पर विशेष ट्रेन चलाई जाती है। विशेष ट्रेन चलाने का उद्देश्य यात्रियों को सुविधा देना और प्रतीक्षा सूची कम करना है। इसके बावजूद यात्री परेशान हो ही रहे हैं। पिछले दिनों नागपुर-मुंबई और नागपुर-नाशिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जो 15 से 18 फरवरी के बीच चलीं।  

छूट भी नहीं

विशेष ट्रेनों में टिकट दर बढ़ने के साथ ही इसमें किसी तरह के की कोई छूट नहीं रहती है। इसमें कोई कोटा लागू नहीं हाेता है। सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, महिला जैसे कोटा लागू नहीं किए जाते हैं। चाहे यात्री किसी भी वर्ग या कोटा का हो उसे टिकट दरों मंे कोई छूट नहीं दी जाएगी। टिकट बुकिंग के दौरान यह विकल्प ही नहीं होते हैं। स्पेशन ट्रेन में वीआईपी के लिए कोई विकल्प नहीं रहता है। 

सर्विस चार्ज भी बढ़ा

आम नागरिकों को टिकट दरों में 5 या 10 रुपए की बढ़ोतरी में भी सोच विचार करना होता है। सितंबर 2019 से इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर भी सर्विस चार्ज लेना शुरू कर दिया है। इसमें नॉन एसी ट्रेन की बुकिंग पर 15 रुपए और एसी क्लास पर 30 रुपए सर्विस चार्ज लेना शुरू कर दिया है। सरकार ने 3 साल पहले पहले आईआरसीटीसी के जरिए ट्रेन टिकट बुकिंग पर सर्विस चार्ज खत्म कर दिए थे। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसा किया गया। उस वक्त नॉन-एसी के टिकट पर 20 रुपए और एसी पर 40 रुपए चार्ज लगता था। सिर्फ 15 रुपए बढ़ने से पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस या ऑफलाइन टिकट बुकिंग काउंटर) पर लंबी कतार में लगकर टिकट लेने के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे मंे विशेष ट्रेन की सविधा देकर भी जरूरतमंदों का एक वर्ग उस सुविधा से वंचित रह ही जाता है।

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