सुबह नीम तेल से मालिश, शाम को केला, गन्ना का जायका, बांधवगढ़ में शुरू हुआ हाथी महोत्सव
सुबह नीम तेल से मालिश, शाम को केला, गन्ना का जायका, बांधवगढ़ में शुरू हुआ हाथी महोत्सव
डिजिटल डेस्क, उमरिया। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में हाथी महोत्सव का आगाज सोमवार से हुआ। सात दिनों तक सभी 17 हाथियों को इस दौरान विशेष खानपान से लेकर जंगल में स्वतंत्र विचरण का लुफ्त मिल सकेगा। हर साल टाईगर रिजर्व खुलने से पहले हाथियों की यह आव भगत की जाती है। बांधवगढ़ स्थित मेन गेट पास ही यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। शुभारंभ के अवसर पर कमिश्नर आरबी प्रजापति, एसपी सचिन शर्मा, प्रथम अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार शर्मा, बीटीआर क्षेत्र संचालक बिंसेंट रहीम सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
विशेष साज सजावट
पार्क प्रबंधन ने बताया महोत्सव के दौरान प्रतिदिन हाथियों को नदियों में ले जाकर मनमर्जी से स्नान कराया जाता है। फिर नीम तेज के माध्यम से इनकी मालिश होती है। मस्तक में टीका चंदन लगाकर महोत्सव में विशेष फलाहार खिलाया जाता है। नाश्ते में पहले हाथियों के मनपसंद केला, गन्ना, सेव आदि खिलाया जाता है। फिर खाने में गन्ना, गुड़, रोटी खिलाया जाता है।
17 सदस्य हैं कुनबे
बांधवगढ़ में हाथियों का कुनबा 17 है। दल में अभी हाल में दो नए मेहमान भी आए हैं। महोत्सव में सबसे बुजगऱ् हाथी गौतम भी शामिल है। यह वर्ष 1977 से लगातार पर्यटन व सर्चिंग में अपनी सेवा दे रहा है। बीटीआर के घने वन में अपने दूसरे हाथियों को ट्रेनिंग देने में भी इसकी मदद ली जाती है। बाघ की मूवमेंट एवम वन्य प्राणियों की देख भाल के गुण में यह अच्छा खासा पारंगत है। इसी तरह 45 वर्षीय सबसे बुजुर्ग मादा हाथी अनारकली है।
सीधी से लगाए हाथियों का हुआ नामकरण
महोत्सव में इस बार सीधी से रेस्क्यू कर लाए गए हाथी भी शामिल हुए हैं। इनके नाम हाथी नील, चित्रा, काजल, लक्ष्मण , श्याम के अलावा बंधवी, सूर्या, रामा, शाम्भवी, गणेश,पवन सहित अन्य हैं। इसी तरह इनकी देखरेख में महावत मंटू बैगा, झल्लू सिंह, जननु बैगा, रामचरण बैगा, नीलम सहित अन्य एक महिलाएं भी दल में शामिल हैं।