गोली की तरह लगती है हवा, रेलवे के फेमिली सेमिनार में सामने आए कई सच

गोली की तरह लगती है हवा, रेलवे के फेमिली सेमिनार में सामने आए कई सच

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-20 12:27 GMT
गोली की तरह लगती है हवा, रेलवे के फेमिली सेमिनार में सामने आए कई सच

डिजिटल डेस्क, सतना। इंजन की स्पीड बढ़ती है तो ड्राइवर को हवा गोली की तरह लगती है। इंजनों को वाटर प्रूफ कर एसी लगाने की बातें तो बहुत होती हैं, लेकिन अभी भी इंजन ओपेन कैब हैं। न हीटर हैं न पंखे चलते हैं। शुक्रवार को अपर मंडल रेल प्रबंधक अंजु मोहनपुरिया की मौजूदगी में आयोजित फेमिली सेमिनार में लोको पायलट आरएस पांडेय ने ऐसी तमाम परेशानियां सामने रखीं।

अस्पताल में नहीं है लेडी डाक्टर
नीतू बिहारी ने कहा कि सतना के रेल अस्पताल में लेडी डॉक्टर नहीं होने के कारण इलाज के लिए जबलपुर जाना पड़ता है। एसीएमएस आरएन त्रिपाठी ने यकीन दिलाया कि हफ्ते में एक दिन यहां लेडी डॉक्टर की डयूटी लगाई जाएगी। संध्या त्रिपाठी का कहना था कि सपरिवार यात्रा के लिए छुट्टी नहीं मिलती। छुट्टी मिलती है तो टिकट कन्फर्म नहीं होती। परिजनों ने कहा कि लंबी दूरी के साथ कम दूरी की गाड़ियों का भी परिचालन कराया जाए। ज्यादातर ट्रेन ड्राइवरों ने रनिंग रुम की समस्याओं का जिक्र किया। बिस्तर गंदे हैं या फिर पलंग टूटे हैं। पंखे मच्छर तक नहीं उड़ा पाते। डीईई सुरेन्द्र यादव नेने जवाब में कहा कि एनसीआर के सभी रंनिंग रुम एसी किए जाएंगे। उन्होंने समस्याओं से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी।

सुरक्षा और संरक्षा पर जोर
इससे पूर्व सेफ्टी सेमिनार में एडीआरएम अंजु मोहनपुरिया ने रेल परिचालन की सुरक्षा और संरक्षा की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समय से ज्यादा कीमत इस बात की है कि सुरक्षित परिचालन के प्रति गंभीर और सतर्क रहा जाए। उन्होंने कहा कि अगर हादसे नियंत्रण में रहें तो लेट लतीफी अपने आप नियंत्रित हो जाएगी। एडीआरएम ने कहा कि दुर्घटनाओं से जहां यात्रियों की सुरक्षा संकट में पड़ती है, वहीं रेलवे को भी भारी आर्थिक क्षति होती है। रेलवे की छवि भी खराब होती है। उन्होंने इंजन के हैंड ओवर के दौरान ब्रेक पावर जैसे अन्य सुरक्षा प्रबंधों को गंभीरता से लेने की भी जरुरत जताई। डीईई सुरेन्द्र यादव ने कहा कि ट्रेनों के ओवर सूट को रोकने के लिए लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को  सिग्नल क्रासिंग पर विशेष ध्यान देना चाहिए।  

एआरएमवी को मिला इनाम
एक्सीडेंटल मेडिकल राहत यान का निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाएं अच्छी पाए जाने पर एडीआरएम अंजु मोहनपुरिया ने 7 हजार रुपए का पुरस्कार दिया। उन्होंने जल्द ही एआरएमवी को एसी करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही ऑपरेशन के लिए टेबिल भी नई खरीदी जाएगी। इसके बाद वे एआरटी और रनिंग रूम और लोको रनिंग रूम का भी निरीक्षण किया।   

ये भी रहे मौजूद
सेमीनार में एरिया मैनेजर मृत्युजय कुमार, एडीईएन पीसी शर्मा, एडीईएन राजेश पटेल, एडीएमई आरपी खरे,स्टेशन प्रबंधक एमआर मीणा, एडीएसटी उमेश पवार, लोको फोरमैन ओपी यादव, लोको नीरज राज, रेल यातायात टीआई, लोकोपायलट, गार्ड, डिप्टी एसएस, प्वाइंट मैन, ट्रेक मैन सीएनडब्ल्यू और एसएनटी के कर्मचारी भी मौजूद रहे।

 

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