कस्टम अधिकारियों पर लटकी तलवार : बिना इजाजत इटली एक्सपोर्ट हो रहा था नशीला केमिकल - कारोबारी धराया

कस्टम अधिकारियों पर लटकी तलवार : बिना इजाजत इटली एक्सपोर्ट हो रहा था नशीला केमिकल - कारोबारी धराया

Tejinder Singh
Update: 2019-07-12 14:50 GMT
कस्टम अधिकारियों पर लटकी तलवार : बिना इजाजत इटली एक्सपोर्ट हो रहा था नशीला केमिकल - कारोबारी धराया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले फेंटानिल टैबलेट बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले केमिकल को बिना इजाजत इटली की एक कंपनी को निर्यात करने के मामले में मुंबई पुलिस की एंटी नार्कोटिक्स सेल (एएनसी) ने गुजरात के जाने माने उद्योगपति दीपक मेहता को गिरफ्तार किया है। केमिकल उत्पादन में बड़ा नाम माने जाने वाला मेहता सैम फाइन ओ केम लिमिटेड नाम की कंपनी का संचालक है। सात महीने पहले मुंबई में 100 किलो फेंटानिल पकड़े जाने से जुड़े मामले की जांच के दौरान मेहता का नाम सामने आया और पता चला कि नशे की खेप उसकी कंपनी में तैयार हुई थी। शिवदीप लांडे पुलिस उपायुक्त एंटी नार्कोटिक्स सेल के मुताबिक मामले में कस्टम अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। इसके अलावा इटली की जिस कंपनी को प्रतिबंधित केमिकल बेचा गया है उसके बारे में भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है। मामले में कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं

बिना इजाजत फेंटानिल कर रहा था इटली निर्यात

एएनसी की आजाद मैदान यूनिट ने 12 दिसंबर 2018 को मुंबई के वाकोला के सुभाष नगर इलाके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से 100 किलो फेंटानिल जब्त किया गया था जो अमेरिका के मैक्सिको में भेजने की तैयारी थी। चार कंटेनरों में रखी गई फेंटा निल से 6 हजार 900 करोड़ रुपए कीमत की नशे की गोलियां बनाई जा सकतीं थी। छानबीन के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया था कि नशे की खेप गुजरात से आई थी और यह नशीला पदार्थ राजकोट जिले के कोठाडा संघानी तहसील स्थित सैम फाइन ओ केम लिमिटेड कंपनी में बनाया गया था।

कस्टम अधिकारियों पर भी सकेगा शिकंजा

जांच में यह पता चला कि कंपनी ने इटली की कैंब्रेक्स प्रोफरनाको मिलानो एसआरएल नाम की कंपनी को अवैध रूप से कस्टम अधिकारियों की मदद से 400 किलो फेनेथिल 4 पिपरी डॉन केमिकल निर्यात किया गया है। इस केमिकल में थोड़ा बहुत बदलाव कर फेंटानिल बनाया जा सकता है। इसे भी बिना इजाजत बेचे जाने पर पाबंदी है। नियमों के मुताबिक यह केमिकल निर्यात करने के लिए केंद्रीय नाक्रोटिक्स ब्यूरो को संचालक से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना जरूरी होता है। लेकिन कस्टम अधिकारियों की मिली भगत के चलते बिना एनओसी के केमिकल निर्यात किया गया। खुलासे के बाद एएनसी ने गुरूवार को मेहता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।   


 

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