अच्छी फसल देखकर हिस्सा देने से किया इंकार, कलेक्टर के दरबार पीड़ित, चंदिया के तेंदुहा गांव का मामला

अच्छी फसल देखकर हिस्सा देने से किया इंकार, कलेक्टर के दरबार पीड़ित, चंदिया के तेंदुहा गांव का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-24 14:34 GMT
अच्छी फसल देखकर हिस्सा देने से किया इंकार, कलेक्टर के दरबार पीड़ित, चंदिया के तेंदुहा गांव का मामला

डिजिटल डेस्क, उमरिया। चंदिया तहसील के तेंदुहा गांव में जीविकोपार्जन के लिए खेती कर रहे एक कोल परिवार के लिए उस समय संकट खड़ा हो गया जब उनका साझीदार गेहूं की अच्छी फसल होने के बाद उनका हिस्सा देने से इंकार कर दिया। पीड़ित परिवार जब न्याय की गुहार लगाते हुए कलेक्टर के दरबार पहुंचा, तो कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लते हुए निराकरण किया है। वहीं हिस्सेदार का कहना था उन्होंने तय सौदे के अनुसार आधी रकम खर्च नहीं की। केवल मेहनत व देखरेख का कार्य किया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कलेक्टर ने  मौके पर अधिकारियों को भेजकर दोनों के बीच अनाज का बंटवारा करवाया। तीन हजार रूपये बंटाई पर आधा कार्य का समझौता था।

यह था पूरा मामला-
शिकायत अनुसार ग्राम तेंदुहा निवासी 40 वर्षीय दुखिया बाई कोल पति बिसारदीन कोल ने गांव के कन्छेदी लाल साहू के साथ साझे में खेती की थी। गांव के बाबू सिंह रघुवंशी की जमीन पर दोनों के बीच आधे-आधे कार्य का समझौता हुआ। तकरीबन चार माह तक सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन गहाई के बाद जब हिस्सेदार ने अनाज देने से मना कर दिया तो वह निराश हो गई। मिन्नत करने के बाद भी वह नहीं पसीजा। उसका कहना था तीन हजार रुपए बंटाई पर आधा कार्य का समझौता था, लेकिन इन्होंने राशि व्यय नहीं की।

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम बांधवगढ नीलांबर मिश्रा, तहसीलदार चंदिया रमेश कोल तथा संबंधित सर्किल के राजस्व निरीक्षक गांव पहुंचे। रात में दोनों पक्षों की बाते सुनी। आपसी सहमति से तत्कालिक निर्णय कर अनाज वितरण करा दिया।

इनका कहना है-
पीड़ित महिला द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई थी। प्रकरण को संज्ञान में लेकर कलेक्टर ने मौका मुआयना कर निराकरण के निर्देश दिए थे। गांव में दोनों पक्षों को बिठाकर उनके तर्क सुने गए और राजीनामा कर फसल बांट दी गई।
नीलांबर मिश्रा, एसडीएम बांधवगढ़

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