3 मिलावटखोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज ,कलेक्टर के निर्देश -10 नमूने फेल पाए गए
3 मिलावटखोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज ,कलेक्टर के निर्देश -10 नमूने फेल पाए गए
डिजिटल डेस्क सतना। कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह के निर्देश के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को सिटी कोतवाली में 3 मिलावटखोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। गौरतलब है कि 30 खाद्य पदार्थों के नमूनों की लैब टेस्ट रिपोर्ट सतना पहुंच चुकी है जिसमें 10 नमूने फेल पाए गए हैं। जांच में अमानक मिले खाद्य पदार्थ को बेचने वाले शेष व्यापारियों के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
अभियान के तहत अब लिए गए 115 नमूने
गौरतलब है कि मिलावटखोरी में लगाम लगाने के मकसद से समूचे प्रदेश में सरकार ने अभियान चला रखा है। 12 जुलाई से अब तक जिला प्रशासन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन की संयुक्त टीम ने खाद्य पदार्थों के 115 नमूने एकत्र कर जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे थे।
धोखाधड़ी का मामला
खाद्य सुरक्षा अधिकारी शीतल सिंह एवं नीरज विश्वकर्मा ने सिटी कोतवाली पहुंचकर उन 3 व्यापारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जिनके नमूने जांच में अमानक पाए गए हैं। इनमें डुड़हा निवासी प्रदीप पाण्डेय, धवारी चौक में डेयरी दुकान चलाने वाले भान सिंह परमार एवं महावीर चिलिंग सेंटर के संचालक धर्मेन्द्र सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 272 एवं खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम की धारा 26/51 के तहत सिटी कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध कराया गया है। इनके क्रमश: दूध, सेपरेटा दही अमानक पाए गए हैं।
इधर, अपील के लिए महीने भर का वक्त
स्टेट लेबोटरी से टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सभी संचालकों को सेम्पल का अपने स्तर से जांच कराने का एक मौका दिया है। संचालक को 30 महीने का वक्त दिया गया है। यदि वह जांच कराने के लिए राजी होता है तो उसे 5 हजार रुपए का डिमाण्ड ड्रॉफ्ट जमा करना होगा। विभागीय सूत्रों का कहना है कि चूंकि सेम्पल अवमानक पाया गया है लिहाजा इस प्रकरण को कोर्ट में पेश किया जाएगा। अधिकतम 5 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।