जहरीले बर्फ से ठंडा किया जा रहा है गन्ने का रस, खाद्य विभाग ने लिए सैंपल

जहरीले बर्फ से ठंडा किया जा रहा है गन्ने का रस, खाद्य विभाग ने लिए सैंपल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-02 08:26 GMT
जहरीले बर्फ से ठंडा किया जा रहा है गन्ने का रस, खाद्य विभाग ने लिए सैंपल

डिजिटल डेस्क, सतना। गर्मी आते ही शीतल पेय तथा अन्य खाद्य सामग्रियों में बर्फ का प्रयोग किया जाने लगा है किंतु ज्यादा लाभ कमाने के लालच में विक्रेता अखाद्य बर्फ का प्रयोग कर रहे हैं जो जहरीला भी हो सकता है। यहां जांच के दौरान अधिकारियों को दो दुकानदार गन्ना के रस में ऐसी बर्फ का उपयोग करते पाए गए जो खाने योग्य नहीं है। गौरतलब है कि 1 जून 2018 से बाजार में दो तरह के बर्फ बेचने के निर्देश हैं। मसलन, खाने योग्य बर्फ का रंग सफेद और अखाद्य बर्फ का रंग नीला किया जाना है।

जानकारी के मुताबिक यहां किसी भी आइस फैक्ट्री ने सफेद बर्फ बनाने का लाइसेंस नहीं लिया है। वो इसलिए क्योंकि खाद्य बर्फ बनाने के लिए ऐसी गाइडलाइन है कि आइस फैक्ट्री संचालक इन नियमों का पालन ही नहीं कर पाएंगे। एक मैंगो ज्यूस सेंटर में मैंगो शेक में अत्याधिक कलर का इस्तेमाल पाया गया तो नमो ज्यूस सेंटर सिविल लाइन में ज्यूस बनाने के लिए कटे फल पाए गए। सभी दुकानदारों को नोटिस दी जाएगी।

फुलकी वाले कर रहे खतरनाक एसिड का उपयोग
क्या आप पानी के बताशे या फिर कहें फुलकी खाने के बेहद शौकीन हैं। यदि हां तो जरा सचेत हो जाइए। ज्यादा खट्टा पानी पीने के आदी हैं तो भी चौकन्ना होने की जरूरत है। दरअसल, फुलकी खाने में इस्तेमाल होने वाले पानी को अधिक खट्टा बनाने के लिए फुलकी वाले ऐसे एसिड का उपयोग कर रहे हैं जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हाल ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन की आयुक्त ने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप में इस आशय के निर्देश दिए थे कि ऐसे पानी के नमूने लेकर जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजे जाएं। 

2 दुकानों से लिए पानी के नमूने
अभिहित अधिकारी साधना परस्ते के निर्देश पर खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी वेदप्रकाश चौबे, शीतल सिंह एवं सीमा सिंह ने स्टेशन रोड स्थित केसरी फुल्की सेंटर, केसरवानी पानी पुरी सेंटर गौशाला चौक पहुंचकर फुल्की के पानी के नमूने उठाए। विशेषज्ञों का कहना है कि फुल्की वाले पानी को खट्टा बनाने के लिए ऐसे एसिड का उपयोग करते हैं, जिसके अत्याधिक सेवन से अल्सर हो सकता है। इतना ही नहीं दुकानदार सिपट्रिक एसिड का भी इस्तेमाल करते हैं, जिसे हम साधारण बोलचाल की भाषा में टाटरी कहते हैं। 

मझगवां में नमक, जैतवारा में दाल
3 सदस्यीय अफसरों की टीम ने मझगवां पहुंचकर ऋषभ किराना एवं जनरल स्टोर से रिलायंस नमक की सेम्पलिंग की जबकि जैतवारा पहुंचकर दीपक दाल एण्ड ऑयल मिल से चने की दाल के नमूने लिए। सील किए गए सभी नमूनों को जांच के लिए भोपाल स्थित राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजे जाएंगे। जांच रिपोर्ट के बाद ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन आगे की कार्रवाई तय करेगा।

 

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