चार गर्भवती महिलाओं की जांच में निकला 'एडस', 3 की कराई सुरक्षित डिलेवरी

चार गर्भवती महिलाओं की जांच में निकला 'एडस', 3 की कराई सुरक्षित डिलेवरी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-16 08:17 GMT
चार गर्भवती महिलाओं की जांच में निकला 'एडस', 3 की कराई सुरक्षित डिलेवरी

डिजिटल डेस्क सतना। जिले में एचआईवी एडस पीडि़त गर्भवतियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले जहां दो-तीन साल में एक-दो महिलाएं एडस पीडि़त सामने आती थीं वहीं इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच 4 एडस पीडि़त गर्भवतियां सामने आ चुकी हैं। अच्छी बात यह है कि इनमें से 3 का जिला अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराकर एआरटी सेंटर रीवा भेजा जा चुका है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक प्रसव से लेकर 18 महीनों तक बच्चों को विभाग की निगरानी एवं फॉलोअप के तहत बच्चों के 3 दफा डीवीएस टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि एक-दो बच्चों की यह जांच हो भी चुही है। तीनों चेकअप की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बच्चों में एडस का खतरा नहीं रहेगा।
निगरानी में होती है डिलेवरी
बताया गया है कि एडस पीडि़त गर्भवतियों की डिलेवरी सुरक्षित करीके से चिकित्सकों की टीम की निगरानी में कराई जाती है। प्रसव कराने वाले चिकित्सकों को सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा सेफ डिलेवरी किट दी जाती है। प्रसव कराते समय चिकित्सक इस किट को पहने रहते हैं। इसके अलावा पैदा होते ही बच्चे को नेब्रापिन सीरप पिलाई जाती है। प्रसव के बाद माताओं को एआरटी सेंटर रीवा भेज दिया जाता है।
अब तक 30 पॉजीटिव
जिला अस्पताल के जगदीश भवन में संचालित जांच सेंटर में जनवरी से अब तक 4 गर्भवतियों को मिलाकर लगभग 30 एडस पीडि़त मरीज सामने आ चुके हैं। पिछले 10 महीनों को मिलाकर कुल 17 हजार 600 लोगों की एचआइवी जांच की गई है। पॉजीटिव मरीजों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रीवा में संचालित एआरटी सेंटर भेजा जा रहा है। प्रसव से लेकर 18 महीनों तक बच्चों को विभाग की निगरानी एवं फॉलोअप के तहत बच्चों के 3 दफा डीवीएस टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए।गर्भवतियों की डिलेवरी सुरक्षित करीके से चिकित्सकों की टीम की निगरानी में कराई जाती है।

 

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