स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए टास्कफोर्स बना रही सरकार, महाराष्ट्र के 2755 स्कूल हुए तंबाकू मुक्त

स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए टास्कफोर्स बना रही सरकार, महाराष्ट्र के 2755 स्कूल हुए तंबाकू मुक्त

Tejinder Singh
Update: 2019-02-08 15:23 GMT
स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए टास्कफोर्स बना रही सरकार, महाराष्ट्र के 2755 स्कूल हुए तंबाकू मुक्त

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सड़कों पर जीवन व्यतीत करनेवाले बच्चों (स्ट्रीट चिल्ड्रेन) की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने एक कार्यदल (टास्क फोर्स) का गठन किया है। यह टास्कफोर्स विभिन्न विभागों की बच्चों के कल्याण से जुड़ी जिम्मेदारी तय करेगा। इसके अलावा स्ट्रीट चिल्ड्रेन के उत्थान को लेकर टाटा इंस्टीच्यूट आफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के आधार पर एक कार्य योजना तैयार की गई है। इसे भी लागू किया जाएगा। शुक्रवार को अतिरिक्त सरकारी वकील हितेन वेणेगांवकर ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव डीके जैन बैठक ले रहे हैं। बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने कहा कि सरकार स्ट्रीट चिल्ड्रन को लेकर सर्वेक्षण भी करे। ताकि यह पता लगाया जा सके कि सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले बच्चे किसी परिवार से जुड़े हैं अथवा परिवार के बिना बाहर घूम रहे हैं। यदि इन बच्चों का परिवार है तो उन्होंने घर क्यों छोड़ा है? इन सारी बातों को जानने के बाद सरकार प्रभावी नीति बनाए। खंडपीठ ने कहा कि सरकार इस मामले में गैर सरकारी संस्थाओं से भी मदद ले रही है और उन्हें निधि भी आवंटित कर रही है। इससे पता चलता है कि सरकार के पास बेसहारा बच्चों को मदद पहुंचाने को लेकर निधि की कोई समस्या नहीं है। वह इन बच्चों के कल्याण के लिए काम करने की भी इच्छुक है। जरुरत है कि सरकार बच्चों से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करे। खंडपीठ के सामने एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में सड़कों पर जीवन व्यतित करनेवाले बच्चों के लिए रैन बसेरे बनाने व उनकी शिक्षा को लेकर कदम उठाने की मांग की गई है। इस बीच मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रही वकील ने कहा कि हमने कई स्कूलों को रैन बसेरों में परिवर्तित किया है। आगे भी इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। 

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