नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने सरकार ने बनाई योजना, संजय दत्त हो सकते हैं ब्रांड एंबेसडर

नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने सरकार ने बनाई योजना, संजय दत्त हो सकते हैं ब्रांड एंबेसडर

Tejinder Singh
Update: 2018-12-24 15:46 GMT
नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने सरकार ने बनाई योजना, संजय दत्त हो सकते हैं ब्रांड एंबेसडर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने देश में नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों की मांग में कमी लाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा तैयार इस पंचवर्षीय कार्ययोजना (2018-2023) का मकसद विभिन्न उपायों द्वारा नशीली दवाओं के अधिक इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को सीमित करना है। इसके लिए सरकार ने 150 करोड़ की राशि आवंटित की है। जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसेडर बनने के लिए बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को प्रस्ताव भेजा गया है। मंत्रालय का मानना है कि नशे की लत के शिकार रहे संजय दत्त की अपील का व्यसन करने वालों पर ज्यादा असर होगा। दरअसल नशे की आदत का बुरा असर न केवल संबंधित व्यक्ति पर पड़ता है, बल्कि इससे परिवार और पूरा समाज प्रभावित होता है। लिहाजा मंत्रालय ने इससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एक समयबद्ध योजना बनाई है।

योजना के तहत आम जन को नशे की लत से होने वाली समस्या से अवगत कराया जाएगा और इस समस्या से निकलने का मार्ग भी बताया जाएगा। गंभीर चिंता की बात यह है कि इस वक्त नशे की लत के सबसे ज्यादा शिकार युवा और महिलाएं हो रही हैं। यही वजह है कि मंत्रालय ने अपने अभियान को विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और विभिन्न कार्यालयों को विशेष रूप से अपने निशाने पर रखा है। स्कूल-कॉलेज के छात्रों को ऐसी गतिविधियों से दूर रखने की कोशिश के तहत प्रधानाचार्यों और प्राचार्यों को विशेष रूप से इस अभियान में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस वालों, अर्द्धसैनिक बलों, कानून बनाने वाली एजेंसियों, बार कौंसिल आदि के लिए भी अलग से जागरूकता कार्यक्र्रम चलाए जाएंगे। 

सभी जिलों में स्थापित होगा एकीकृत पुनर्वास केन्द्र
इस नशामुक्ति अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर गोष्ठियां, सेमिनार और वार्तालाप आयोजित करने की योजना बनाई है तो लोगों को सचेत करने के लिए प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल साईट पर भी जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके साथ ही देश के सभी जिलों में व्यसनी एकीकृत पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना करने की योजना है। बता दें कि अभी 400 जिलों में ही एकीकृत पुनर्वास केन्द्र हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इन केन्द्रों को भविष्य में उपचार केन्द्र में तब्दील करने की तैयारी है। 

योजना लागू करने बनेगी संचालन समिति 
इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में बनने वाली संचालन समिति की होगी। समिति में गृह मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और महिला एवं विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि बतौर सदस्य शामिल होंगे। यह समिति हर तीन महीने में एक बैठक करेगी।

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