उपजाऊ जमीन अधिग्रहण के मसले पर सरकार और एमएसआरटीसी को नोटिस
उपजाऊ जमीन अधिग्रहण के मसले पर सरकार और एमएसआरटीसी को नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नागपुर-मुंबई समृध्दि महामार्ग के लिए जारी जमीन अधिग्रहण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम(एमएसआरटीसी), नासिक कलेक्टर और महामार्ग के लिए नियुक्त किए गए प्राधिकृत अधिकारी को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चिल्लूर और न्यायमूर्ति नितिन जामदार की खंडपीठ ने यह नोटिस ग्राम पंचायत शिवडे सहित मामले को लेकर दायर अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किया।
जमीन पर रोक लगाने की मांग की गई
ग्रामपंचायत शिवडे की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर गीते ने पक्ष रखा। इस याचिका में महामार्ग के लिए नासिक इलाके में अधिगृहीत की जानेवाली जमीन पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में साफ किया गया है कि नाशिक इलाके में महामार्ग के लिए 82 हजार 812 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 84 प्रतिशत उपजाऊ जमीन है। जो दाल व मोटे अनाज की खेती के लिए बेहद उपयुक्त है।
ग्राम पंचायत भी जमीन अधिग्रहण के खिलाफ
जमीन का ज्यादातर हिस्सा सिंचित है। ऐसी जमीन के अधिग्रण के लिए सरकार को विशेष कारण देने होंगे, जो नहीं दिए जा रहे हैं। स्थानीय ग्राम पंचायत भी जमीन अधिग्रहण के खिलाफ है। लिहाजा जमीन अधिग्रहण को तुरंत रोका जाए और सरकार को नासिक इलाके में नागपुर-मुंबई समृध्दि महामार्ग के लिए दूसरे वैकल्पिक मार्ग पर विचार करने के लिए कहा जाए।