हाईकोर्ट ने मनपा प्राधिकरण को फटकारा- नहीं चाहिए समुद्री जीवों-गरीब मछुआरों को प्रभावित करने वाला विकास

हाईकोर्ट ने मनपा प्राधिकरण को फटकारा- नहीं चाहिए समुद्री जीवों-गरीब मछुआरों को प्रभावित करने वाला विकास

Tejinder Singh
Update: 2019-03-19 14:20 GMT
हाईकोर्ट ने मनपा प्राधिकरण को फटकारा- नहीं चाहिए समुद्री जीवों-गरीब मछुआरों को प्रभावित करने वाला विकास

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई में प्रस्तावित कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को लेकर  राज्य सरकार, मुंबई मनपा व  महाराष्ट्र कोस्टल क्षेत्र प्राधिकरण द्वारा पहले से तैयारी न करने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि हमे ऐसा विकास नहीं चाहिए जो समुद्री जीवो व गरीब मछुआरों को प्रभावित करे। कोस्टल रोड परियोजना से जुड़े अधिकारियों के बीच समन्वय न होेने से नाराज मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडरीठ ने कहा कि क्या अदालत अधिकारियों को बैठकें करने के लिए हस्तक्षेप करे और उन्हें बैठक के कमरे तक भेजे? इतने बड़े प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों को स्वयं आपस में चर्चा कर रणनीति बनानी चाहिए। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं दिख रहा है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने प्रोजेक्ट को लेकर कई सवाल उठाए। 

मनपा प्राधिकरण को हाईकोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

खंडपीठ ने कहा कि क्या यह पहले से तय किया गया है कि किस इलाके में मछुआरे मछली पकड़ने के लिए जाते हैं? समुद्र के किस इलाके में मछलियों की ब्रिडिंग होती है? मनपा ने मछुआरों के लिए क्या नीति बनाई है? इन सवालों का जवाब न मिलने पर खंडपीठ ने प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को फटकार लगाई। खंडपीठ ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से कितने मछुआरे प्रभावित होते इस संबंध में पहले कोई सर्वेक्षण किया गया है क्या? इस दौरान मनपा के वकील अनिल साखरे ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका ने नियमों के तहत कोस्टल रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा राज्य सरकार के दायरे में आता है। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि हमे मनपा ने अपने सर्वेक्षण से जुड़े आकड़े व कई जानकारी नहीं उपलब्ध कराई है। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता गायत्री सिंह ने कहा कि नियमों का पालन किए बगैर ही वरली इलाके में समुद्र को पाटने का  काम शुरु हो गया है। इससे मछुआरों की जीविका पर असर पड़ा रहा है, साथ समुद्री जीवों व पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार व अन्य लोगों को कड़ी फटकार लगाई और मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। 
 

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