दहेज के लिए रूह कंपा देने वाली यातनाएं दीं , बंद कमरे में क्रूरतम बर्ताव , पीट पीट कर मौत के मुंह में पहुंचाया

राष्ट्रीय महिला आयोग के आदेश पर मृत्यु के 2 माह बाद पुलिस ने दर्ज की एफआईआर    दहेज के लिए रूह कंपा देने वाली यातनाएं दीं , बंद कमरे में क्रूरतम बर्ताव , पीट पीट कर मौत के मुंह में पहुंचाया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-23 08:15 GMT
दहेज के लिए रूह कंपा देने वाली यातनाएं दीं , बंद कमरे में क्रूरतम बर्ताव , पीट पीट कर मौत के मुंह में पहुंचाया

 डिजिटल डेस्क सतना। फोर व्हीलर, 10 लाख कैश और 5 तोला सोना की मांग पूरी नहीं होने से नाराज दहेज लोभियों ने अपनी ही बहू को इस कदर यातनाएं दीं कि शादी के महज 6 माह के अंदर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। कोरोना वायरस से संक्रमित पति और जेठ के गंदे कपड़ों, जूठे बर्तन और संक्रमित कमरों की साफ-सफाई के लिए मजबूर बहू को जानलेवा इन्फैक्शन ने इस कदर जकड़ा कि उसकी सांसें जवाब दे गईं। ये जानने के बाद भी कि संक्रमित बहू जिंदगी और मौत से जूझ रही है, उसे इलाज से भी महरुम रखा गया। जुल्म की इंतहा तो तब हो गई जब पति ने बंद कमरे में भूखा-प्यासा रखकर उसकी बेरहमी से पिटाई की। बेशक, यातनाएं ऐसी की रूह कांप जाए। 
6 माह पहले हुई थी शादी 
सिटी कोतवाली अंतर्गत राजेन्द्रनगर गली नंबर- 4 निवासी रामानंद त्रिपाठी की बेटी अर्चना की शादी वर्ष 2020 की 6 दिसंबर को संस्कृत नगर अपार्टमेंट सेक्टर-14 रोहिणी दिल्ली निवासी रामकरण शर्मा के बेटे योगेन्द्र शर्मा के साथ धूमधाम से हुई थी। शादी डॉट कॉम के माध्यम से दोनों पक्षों की सहमति से रिश्ता तय हुआ था। वर पक्ष का दावा था कि वह दहेज विरोधी है। बावजूद इसके कन्या पक्ष ने अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से बरीक्षा में डेढ़ लाख और तिलक में 5 लाख की नगदी दी थी एवं अन्य उपहार दिए थे। दिल्ली से सतना आई बारात यहां 3 दिन रुकी थी। शर्त थी कि शादी के बाद बारात के रुकने का खर्च वर पक्ष देगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। यह बोझ भी कन्या पक्ष पर ही आया। 
धोखा देकर की दूसरी शादी 
आरोप यह भी है कि पहली बार में ही अर्चना के पति योगेन्द्र शर्मा, ससुर रामकरण शर्मा, सास सरस्वती, जेठ  देवेंद्र शर्मा और जेठानी वंदना ने अर्चना को दहेज में एक फोरव्हीलर, 10 लाख कैश और 5 तोला सोना लाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। दूसरी बार ससुराल गई अर्चना के हाथ कुछ ऐसे साक्ष्य लगे जिससे साफ हो गया कि योगेन्द्र शर्मा और उसके परिजनों ने धोखे में रखकर दूसरी शादी कर ली है। असल में पहली पत्नी आरोपी योगेन्द्र शर्मा को पहले ही तलाक दे चुकी थी। अर्चना ने जब धोखा देकर शादी करने और उस पर दहेज की मांग  का विरोध किया तो पति ने उसके साथ मारपीट की। जब-जब अर्चना ने अन्याय का विरोध किया तब-तब उसे कमरे में बंद कर उसके साथ पति ने क्रूरतम बर्ताव किया। उसे खाना तो दूर पानी तक नहीं दिया गया।  
ऐसे हुआ कोविड का इन्फैक्शन 
मृतिका अर्चना के भाई विनीत त्रिपाठी के आरोप के मुताबिक इसी बीच पति योगेन्द्र शर्मा और जेठ देवेंद्र शर्मा कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए। जांच में संक्रमण की पुष्टि के बाद भी बाप-बेटे ने अर्चना से अपने गंदे कपड़े और जूठे बर्तन धुलवाए, संक्रमित कमरे में झाड़ू-पोंछा के लिए उसे जानबूझकर मजबूर किया गया। जब अर्चना भी संक्रमित हो गई तो उसे दिल्ली स्थित रोहणी के दूसरे घर के एक कमरे में कैद कर दिया गया। ब्लड टेस्ट में गंभीर इन्फैक्शन और संक्रमण के पूरे लक्षण के बाद भी इलाज नहीं कराया गया। पति और पिता बेहतर इलाज से जहां स्वस्थ हो गए। वहीं अर्चना की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। उसका मोबाइल भी छीन लिया।   
मगर, देर हो चुकी थी 
इतना ही नहीं इसी बीच अर्चना की सास सरस्वती ने सतना फोन कर अर्चना की मां से बेटी की शिकायत की। शक होने पर भाई विनीत त्रिपाठी और एक अन्य बहन रंजीता दिल्ली पहुंचे। अर्चना की हालत मरणासन्न थी। उसे 30 अप्रैल को पहले सहगल नियो हॉस्पिटल पश्चिम बिहार नई दिल्ली और फिर डीआरडीओ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। उसमें एसपीओटू लेबल 30 से 40 था। तकरीबन 23 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद अंतत: अर्चना की सांसें हमेशा के लिए थम गईं। विनीत ने डॉयल-100 पर दिल्ली पुलिस की मदद मांगी लेकिन कोई मदद नहीं मिली। आरोप है कि पति योगेन्द्र शर्मा दो पुलिस कर्मियों को लेकर अस्पताल पहुंचा और विनीत से जबरिया लिखवा लिया कि वह बहन की मौत पर किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं चाहता, शव को अंतिम संस्कार के लिए सतना ले जाना चाहता है। यहां अर्चना के अंतिम संस्कार में भी ससुराल पक्ष का एक भी सदस्य शामिल नहीं हुआ।  
 अंतत: पति समेत 5 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज 
मृतिका अर्चना के भाई विनीत के मुताबिक अर्चना द्वारा हत्या की आशंका जताने पर पिता रामानंद त्रिपाठी ने 18 मई को सिटी कोतवाली में पति, सास-ससुर और जेठ-जेठानी के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का अपराध दर्ज करते हुए कार्यवाही किए जाने की फरियाद की थी। पीडि़त पिता पुलिस अधीक्षक से भी मिले थे, लेकिन अधिकार क्षेत्र से बाहर का तर्क देकर पुलिस ने एफआईआर तो दूर सुनवाई तक नहीं की। मगर, परिजन हार नहीं माने। घटना से जुड़े वीडियो और अर्चना के वाट्सएप चैटिंग के साथ उन्होंने न्याय की फरियाद दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग से की। अंतत:महिला आयोग के प्रेशर पर साढ़े 6 माह बाद सिटी कोतवाली में 14 जुलाई को आरोपी पति योगेन्द्र शर्मा, जेठ देवेंद्र शर्मा, ससुर रामकरण, सास सरस्वती और जेठानी वंदना के विरुद्ध आईपीसी की दफा 498 ए, 34 और दहेज प्रतिशेष अधिनियम की धारा-3 और 4 के तहत अपराध दर्ज किया गया। 
इनका कहना है
बहन के साथ अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई अभी खत्म नहंी हुई है। पुलिस ने सिर्फ दहेज प्रताडऩा का प्रकरण 14 जुलाई को दर्ज किया था,जबकि उसकी मृत्यु 23 मई को हो गई थी। पुलिस को डेथ सर्टिफिकेट भी दिया गया था। बावजूद इसके एफआईआर में अर्चना का जीवित होना दर्शाया गया है। पति समेत सभी आरोपी दहेज प्रताडऩ़ा के अलावा  कोविड प्रोटोकाल के  उल्लंघन,  लाचार महिला से कू्ररतम बर्ताव और उसकी हत्या के अपराधी हैं। इनके विरुद्ध हत्या का अपराध भी दर्ज होना चाहिए। हम सर्वोच्च न्यायालय तक जाएंगे। 
 

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